Move to Jagran APP

10 लाख तक के मुद्रा लोन में कोई सिक्यूरिटी नहीं : आरबीआइ

दस लाख तक के मुद्रा लोन में कोई सिक्यूरिटी नहीं आरबीआई

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 04:47 PM (IST)
10 लाख तक के मुद्रा लोन में कोई सिक्यूरिटी नहीं : आरबीआइ

गोड्डा : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को मुद्रा लोन के मामले में निर्धारित मानकों का अनुपालन करते हुए अधिक से अधिक उद्यमियों को इस योजना से जोड़ने की जरूरत है। इससे आíथक विकेंद्रीकरण सहित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। उक्त बातें आरबीआइ के रांची जोन के महाप्रबंधक संजीव दयाल ने कही। श्री दयाल गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) योजना पर नगर भवन में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पहले कार्यशाला का उद्घाटन आरबीआई जीएम दयाल, एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव वर्मा, साकेत कुमार, केनरा बैंक के अजित मिश्रा, पंजाब नेशनल बैंक के सुमन सिंह और चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद प्रीतम गाडिया ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया । कार्यशाला के दौरान जिले भर के 73 उद्यमियों के बीच सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग योजना के तहत 4.5 करोड़ का ऋण बांटा गया।

loksabha election banner

आरबीआइ जीएम ने कहा कि एमएसएमई बड़ी आबादी को रोजगार और व्यवसाय का अवसर प्रदान करता है । इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी वहीं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। सरकारी बैंकों एवं संस्थाओं की ओर से एमएसएमई के विकास से संबंधित कई योजनाएं जैसे मुद्रा, पीएमजीपी इत्यादि योजनाएं चलाई जा रही है। गोड्डा जिले में एमएसएमई उद्यम की अपार संभावनाएं हैं। लेकिन यहां महज 33 फीसद उद्यमियों को भी इसका लाभ मिल पाया है। यह लक्ष्य से काफी कम है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं सहित छोटे व्यवसाय को इससे जोड़ने पर बल दिया। दयाल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए सिक्योरिटी को लेकर जारी आरबीआई के दिशा निर्देश के अनुरूप बैंकों को लोन वितरित करने पर बल दिया।

इस दौरान वित्तीय साक्षरता केंद्र के इलाहाबाद बैंक और झारखंड ग्रामीण बैंक के क्रमश: अनूप कुमार और अनुज कुमार ने वित्तीय स वेशन से संबंधित योजनाओं एवं कैशलेस योजना की विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान बैंकों की ओर से आम ग्राहकों से सिक्के नहीं लेने पर भी गंभीर सवाल उठे। इसके अलावा केश हैंडलिग चार्ज को लेकर भी व्यवसायियों ने सवाल उठाया। चालू खाते पर ब्याज भी नहीं देने, बैंकों में प्रत्येक माह ग्राहकों की समस्याओं के समाधान के लिए बैठकों के प्रावधानों को बंद करने सहित मुद्रा लोन में सुरक्षा के तौर पर 40 फीसद की अग्रिम राशि की मांग बैंकों की ओर से किए जाने पर गंभीर सवाल उठाए गए। यही नहीं प्रत्येक बैंको में पीने के लिये स्वच्छ जल की व्यवस्था, महिला एवं पुरुष ग्राहकों के लिए अलग अलग यूरिनल आदि सुविधाओं की मांग चैंबर की ओर से की गई। 10 लाख तक का होम लोन का प्रावधान होने के बावजूद गोड्डा में लोन नहीं दिया जा रहा है। महिला उद्यमियों पर बैंकों का सहयोगात्मक रवैया नहीं होने पर भी गंभीर सवाल उठाए गए। चैंबर की ओर से उपाध्यक्ष प्रीतम गाडिया ने उक्त बातें को आरबीआई जीएम के संज्ञान में दिया गया। बैंकों की ओर से लगाए गई एटीएम में कैश की समस्या होने पर भी कार्यशाला में सवाल उठे। सुरक्षा मानकों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की भी मांग की गई। कार्यक्रम का संचालन आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक राजेश तिवारी ने किया। उपस्थित लोगों को डिजिटल बैंकिग प्रणाली, यूपीआई, यूएसडी के साथ-साथ फर्जी बैंक कॉल एवं चिटफंड कंपनियों द्वारा किए जाने वाले धोखाधड़ी से भी अवगत कराया। बैठक में आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक राजेश तिवारी, उप प्रबंधक नितिन कुमार, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक अवध किशोर सिंह, एलडीएम राजेश द्विवेदी, इलाहाबाद बैंक के अनूप कुमार, झारखंड ग्रामीण बैंक के अनुज कुमार, चैंबर के रिकू आनंद, सरोज झा, नवनीत सरावगी, अभिषेक बजाज सहित जिले भर के स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमियों ने शिरकत की ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.