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आम की डालियों में आए मंजर से बेहतर पैदावार की उम्मीद

गोड्डा : जिले में इस बार आम की डालियों में आए मंजर से किसानों को बेहतर पैदावार की उम्मीद जगी है। मंज

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 06:27 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 06:47 AM (IST)
आम की डालियों में आए मंजर से बेहतर पैदावार की उम्मीद

गोड्डा : जिले में इस बार आम की डालियों में आए मंजर से किसानों को बेहतर पैदावार की उम्मीद जगी है। मंजर को देखकर किसानों के चेहरे खिल गए हैं। किसानों को लग रहा है कि मौसम अनुकूल रहा तो पिछले साल की तुलना में ज्यादा आम का पैदावार होगा। लेकिन किसानों को मंजर में लगने वाली कीटों ने परेशान कर रखा है। पिछले कुछ सालों में मंजर में कीट लगने से पैदावार में कमी होती रही है। यहां के आम की मांग राजधानी दिल्ली, मुम्बई सहित विदेशों में भी है। आम के रसीले स्वाद और मिठास की वजह से इसकी मांग ज्यादा रहती है। जिला कृषि कार्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ मुकेश ने बताया कि तापमान मे अचानक बढ़ोतरी होने से मौसमी कीटों का प्रकोप बढ़ा है। पिछले कुछ सालों से उत्पादन में हो रही कमी : पिछले कुछ सालों से आम के उत्पादन में कमी आई है। इसका मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग को माना जा रहा है। कुछ किसानों का कहना है कि प्रत्येक साल जिस तरह से पेड़ों में मंजर आता है उस अनुपात में फल नहीं लगते हैं। कभी आंधी तूफान तो कभी कभी बेहिसाब गर्मी से आम की फसल प्रभावित होती है। कुछ पेड़ों पर एक साल के अंतराल के बाद ही मंजर आता है। इसके कारण उपज में कमी हो रही है। मंजर लगने के बाद ही किसान बेच देते आम के बगीचे : आम के पेड़ में मंजर आने के बाद ही कई खरीददार जुटने लगते हैं। मंजर देखकर ही पेड़ बगान की बोली लगाई जाती है। अधिकांश किसान मंजर आने के बाद ही अपने बगान बेच देते हैं। इससे उन्हे अच्छा दाम मिलता है। इसके बाद किसानों की जबावदेही खत्म हो जाती है।

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