जागरूकता से ही दूर होगा कुपोषण
बोआरीजोर : झारखंड में कुपोषण एक बड़ी चुनौती है परंतु एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण के लिए इससे निजात पा
बोआरीजोर : झारखंड में कुपोषण एक बड़ी चुनौती है परंतु एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण के लिए इससे निजात पाना भी उतना ही जरूरी है। इसके लिए सरकारी योजनाओं की सही सही जानकारी रखें। जानकारी को अपडेट करते रहें एवं उसका लाभ समाज के अंतिम पायदान में रहने वाले परिवार तक पहुंचे तो निश्चित रूप से कुपोषण को कम करने में मदद मिलेगी।
उक्त बातें स्वंयसेवी संस्था साथी एवं पीएचएफ के संयुक्त तत्वावधान में प्रखंड सभागार में सरकारी योजनाओं की जानकारी और कुपोषण पर आयोजित कार्यशाला में साथी की परियोजना समन्वयक सरवरी मुखर्जी ने कही। कहा कि यह पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्र है परंतु संसाधन काफी है। उसके प्रबंधन एवं उपयोग की पद्धति के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार भी काफी प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय पोषण मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, आइसीडी एस से मिलने वाले लाभ, आयुष्मान भारत, खाद्य सुरक्षा योजना, सुकन्या योजना, मनरेगा जैसी योजनाएं चलाई जा रही है जरूरत है इसका सही सही क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हो। साथी भी सरकार के साथ मिलकर प्रयास कर रही है कि बोआरीजोर कुपोषण मुक्त प्रखंड बने। नरेंद्र कुमार ने कहा कि समय समय पर इस तरह की चर्चाएं ग्राम सभा स्तर पर भी हो तो अधिक फायदा होगा। कहा कि बोआरीजोर कुपोषण मुक्त प्रखंड बने इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए माडल के तौर पर बोआरीजोर पंचायत के 14 गांवों में व्यक्तिगत पोषण बाड़ी, सामूहिक पोषण बाड़ी, सामूहिक खेती कराने एवं ग्रेन बैंक निमार्ण जैसे कार्यो को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए पंचायत के एजेंडे में भी इस मुददा को शामिल करना होगा। कार्यशाला में प्रतिभागियों द्वारा समूह चर्चा एवं प्रस्तुतिकरण किया गया। कार्यशाला को विभास चंद्र, नीरज ठाकुर आदि ने भी संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन काजल ने किया। कार्यक्रम में कैडर एवं पोषण सहायता समूह के लीडर, ग्राम प्रधान सहित परियोजना कर्मी मीनू, चन्द्रदेव, सुमित, बबलू, मृदुला, निर्मल आदि थे।