Dhanbad News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जलमीनार, चालू होने के चार दिन बाद हो गया बेकार
ग्रामीणों की मानें तो पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए गोड्डा जिला प्रशासन ने जलमीनार बनाया था। बनने के समय से ही यह विवादों में रहा है। कार्य की गुणवत्ता इतनी घटिया कि हर रोज ग्रामीण आवेदनों के साथ विरोध होता था।
संवाद सहयोगी, बसंतराय (गोड्डा) : पेयजल विभाग की ओर से निर्मित जलमीनार वर्षों से बंद पड़ा है। ग्रामीणों के प्रयास के बावजूद इसे चालू नहीं कराया जा सका है। योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। प्रखंड मुख्यालय स्थित मैदान पर पूर्व में पानी टंकी बनाया गया, ताकि प्रखंड के सभी लोगों को पानी मिल सके। शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक पानी की सप्लाई की गई, लेकिन फिर जो बंद हुआ वह आज तक चालू नहीं हो पाया। जलमीनार बनाने का उद्देश्य आम आदमी को पानी की किल्लत नहीं होने देना था लेकिन ये लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा।
ग्रामीणों की मानें तो पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए गोड्डा जिला प्रशासन ने जलमीनार बनाया था। बनने के समय से ही यह विवादों में रहा है। कार्य की गुणवत्ता इतनी घटिया कि हर रोज ग्रामीण आवेदनों के साथ विरोध होता था। ग्रामीणों ने बताया कि पीने के पानी का एकमात्र साधन जलमीनार ही है। उसके खराब हो जाने से लोग दूर से पानी लाते हैं। पाइप से पानी का रिसाव होना, मशीन गायब हो जाना, नल में खराबी आ जाना घटिया निर्माण की निशानी है। जलमीनार का निर्माण जांच के दायरे में है। क्योंकि निर्माण के बाद सही रूप से चार दिन भी पानी नही दे पाया। निर्माण स्थल में योजना का कोई बोर्ड तक नहीं लगाया गया है।
जलमीनार के फाउंडेशन में भी मानकों की अनदेखी की गई है। निर्माण के दौरान भी कई ग्रामीणों ने इसपर सवाल उठाया था। लेकिन ग्रामीणों की बातों को अनदेखी कर दी गयी। कहीं न कहीं जलमीनार लगाने के नाम पर ठेकेदार के साथ स्थानीय लोगो की मिली भगत से लाखों रुपए की बंदरबांट किया गया है। ग्रामीण सूरज पंडित, समाजसेवी लोकनाथ बांके लोहरका, मोहमद इरफान ने जिला प्रशासन से जलमीनार की उच्च स्तरीय जांच के साथ जल्द से जल्द चालू करने की मांग की है।