सीट को लेकर महागठबंधन में जिच बरकरार
गोड्डा: आगामी लोस चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ बन रहे महागठबंधन में अभी से गांठ दिखने ल
गोड्डा: आगामी लोस चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ बन रहे महागठबंधन में अभी से गांठ दिखने लगे हैं। संतालपरगना कि एकमात्र अनारक्षित सीट को लेकर कांग्रेस के फुरकान अंसारी व झाविमों के प्रदीप यादव चुनाव को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। मालूम हो कि दोनों ही नेता कि पहचान राज्य में कद्दावर नेता कि रही है। यही कारण है कि दोनों गोड्डा लोकसभा सीट पर अपना दावा मजबूती से जता रहे हैं। अब तक देखा जाय तो फुरकान अंसारी व प्रदीप यादव चार बार गोड्डा से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें से एक - एक बार फुरकान अंसारी व प्रदीप यादव लोस तक पहुंचे है। वर्ष 2002 में पहली बार प्रदीप यादव भाजपा के टिकट से उपचुनाव लड़े जहां उन्होंने कांग्रेस को फुरकान अंसारी का पराजित किया। इसके बाद 2004 के लोक सभा में फिर दोनों आपने सामने हुए जहां फुरकान अंसारी ने प्रदीप यादव को शिकस्त दी। इसके बाद कालक्रम में प्रदीप यादव ने भाजपा को छोड़ दिया और झाविमो में शामिल हुए। जहां 2009 का चुनाव झाविमो कि टिकट से लड़े जबकि कांग्रेस से फुरकान अंसारी चुनाव लड़े और दोनों हारे। इसके बाद 2014 फिर दोनों मैदान में उतरे और दोनों चुनाव हारे। 2019 के चुनाव को लेकर फुरकान अंसारी व प्रदीप यादव कि अपनी दावेदारी है। झारखंड कांग्रेस में फुरकान अंसारी अल्पसंख्यक में सबसे बड़े नेता माने जाते रहे है जो अखंड बिहार से लेकर अब तक मंत्री लेकर पांच बार विधायक व एक बार सांसद रहे है। कांग्रेस का दावा है जो दो नंबर पर रहा है वही एक नंबर हो सकता है दो चुनाव से कांग्रेस दो नंबर रही है ऐसे में यह सीट कांग्रेस का है। तीसरा नंबर वाला पहला नहीं हो सकता।