श्मशान को बचाने के लिए अड़े बसडीहा के ग्रामीण
ललमटिया बसडीहा गांव के हिदू समुदाय के लोगों ने श्मशान को बचाने के लिए ईसीएल प्रबंधन क
ललमटिया : बसडीहा गांव के हिदू समुदाय के लोगों ने श्मशान को बचाने के लिए ईसीएल प्रबंधन की सावेल मशीन को रविवार को कार्य करने से रोक दिया। सावेल मशीन रोकने की सूचना पर राजमहल परियोजना के सुरक्षा विभाग के इंस्पेक्टर विनोद टोपनो, ईसीएल के अधिकारी एसपी वर्णवाल, एसपी चौधरी, एस धीवर आदि पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।
अधिकारियों ने ग्रामीणों से कहा कि हिंदू समुदाय को श्मशान दूसरे जगह देने के लिए जगह का चयन किया जाएगा। श्मशान के लिए नई जगह का चयन करें व इस श्मशान को काटने दें। ग्रामीण ईसीएल के अधिकारियों की बात पर सहमत नहीं हुए। ग्रामीणों ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के श्मशान के साथ जो समझौता हुआ है, वहीं समझौता हिदुओं के शमशान के साथ भी रहेगी। अंतिम घर के विस्थापन तक हमारा श्मशान वही रहेगा। कहा कि वे लोग किसी भी कीमत पर विस्थापन से पूर्व अपना श्मशान काटने नहीं देंगे।
अनुसूचित जनजाति मोर्चा, गोड्डा के महामंत्री प्रबोध सोरेन ने कहा कि दोनों समुदाय के श्मशान के लिए ईसीएल प्रबंधन को एक ही नीति अपनानी होगी। किसी वर्ग को कूच करने के लिए दूसरे वर्ग की इच्छा का दमन करना गलत है। प्रबंधन के इस तरह की नीति की मैं घोर भर्त्सना की। कहा कि जबतक हिदू समुदाय का एक भी घर विस्थापन होना बाकी रहेगा, तबतक हिदुओं के श्मशान नहीं काटने दिया जाएगा। अल्पसंख्यक समुदाय के श्मशान के साथ जो समझौता हुआ है। वही समझौता भी हिदुओं के श्मशान के लिए बरकरार रहेगी। इसके बावजूद ईसीएल प्रबंधन खनन का कार्य करती है तो ग्रामीण इसका विरोध करेंगे। यदि इस दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना तो इसकी जवाबदेही ईसीएल प्रबंधन को होगी।