सांसद प्रकरण में जिला भाजपा में दो फाड़
गोड्डा : भाजपा कार्यकर्ता पवन कुमार साह द्वारा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का पैर धोकर पीने
गोड्डा : भाजपा कार्यकर्ता पवन कुमार साह द्वारा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का पैर धोकर पीने और सांसद द्वारा उक्त फोटो को फेसबुक पर अपलोड करने के मामले में जिला भाजपा दो खेमों में बंट गई है। कुछ ने इस मामले में सांसद का बचाव किया है तो कुछ ने इसके लिए डॉ. निशिकांत दुबे को आड़े हाथों लिया है। भाजपा के नगर अध्यक्ष राहुल जोशी लिखते हैं कि किए गए वादे नौ साल में पुल का शिलान्यास हुआ और एक गरीब कार्यकर्ता ने उस व्यक्ति का चरणामृत पिया। चलो मानते हैं कि उन्होंने अपने वादे को पूरा किया। आपने भी कुछ वादा किया था। कार्यकर्ताओं से और आज तक पूरा नहीं किया गया है। क्या आप भी कार्यकर्ताओं का चरणामृत पीएंगे न। और यदि ऐसा हुआ तो हमलोग समझेंगे कि आप महान हैं अन्यथा..। आरएसएस से जुड़े सुभाष यादव फेसबुक पर लिखते हैं-गोड्डा की घटना ने पूरे देश में सिदो-कान्हू व बिरसा मुंडा की धरती को शर्मशार कर दिया। हम सभी इस घटना की ¨नदा करते हैं। डॉ. हरिश भगत लिखते हैं-गोड्डा में हुए चरणामृत प्रकरण की जितनी भी ¨नदा की जाए कम है। यह घटना भारतीय जनता पार्टी की सोच एवं विचारधारा को कलंकित करनेवाली है। यह पाप है जो धुल नहीं सकता। जो लोग इस प्रकरण को महिमा मंडित कर रहे हैं उनकी ओछी और घटिया मानसिकता पर तरस आती है। जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र मोहन केसरी लिखते हैं कि गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे जी को सांसद पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। और अगर सांसद में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। शिशिर ठाकुर लिखते हैं- कैसे यह भारतवर्ष समृद्ध होगा। आज भी पैर धुलाकर पिलानेवालों की कमी नहीं है। राकेश ¨सह लिखते हैं-साफ संदेश है उन कार्यकर्ताओं को जो पीछे-पीछे नहीं करते हैं। उन्हें अब क्या करना चाहिए स्पष्ट है। सांसद के फेसबुक पोस्ट पर निरंजन कुमार नामक एक युवक की टिप्पणी है-दूध का दूध पानी का पानी हो गया। एक कहावत है इश्क और जंग में सब कुछ जायज है। विकास का दूसरा नाम डॉ. निशिकांत दुबे। पंकज कुमार ¨सह लिखते हैं-नि:संदेह बिल्कुल सही हुआ।