दिन बदलेगा तो बदल जाएगा चादर का रंग
गोड्डा: अस्पतालों में चादर, तकिया, चिकित्सक व नर्स की पोशाक का रंग अक्सर सफेद होता है मगर वष
गोड्डा: अस्पतालों में चादर, तकिया, चिकित्सक व नर्स की पोशाक का रंग अक्सर सफेद होता है मगर वर्षो पुराना यह प्रावधान अब बदलनेवाला है। गोड्डा के सदर अस्पताल व विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में हर दिन चादर, तकिया अलग-अलग रंग के बिछाए जाएंगे। किसी दिन ¨पक डे होगा तो किसी दिन ग्रीन। हालांकि यह सुविधा फिलहाल सदर अस्पताल में सुनिश्चित होगी। बाद में इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुनिश्चित किया जाएगा। इस व्यवस्था का अनुपालन करनेवाला गोड्डा सदर अस्पताल राज्य का पहला सरकारी अस्पताल होगा।
अधिकारियों की मानें तो सात दिनों के लिए सात रंगों की चादर अस्पताल प्रबंधन खरीदेगा। हालांकि किस दिन किस रंग की चादर बिछाई जाएगी यह अभी तय नहीं हुआ है। खरीदारी के बाद सिविल सर्जन और वरीय पदाधिकारियों के स्तर से इसे निर्धारित किया जाएगा। पिछले दिनों अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में सिविल सर्जन ने इसका प्रस्ताव रखा था। इस पर समिति ने सहमति जताई थी।
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इसकी क्यों पड़ी जरूरत
अभी तक केवल सफेद रंग की चादर बिछाई जाती थी। लिहाजा यह पता करना मुश्किल होता है कि चादर या तकिया का कवर बदला गया या नहीं। नहीं बदलने की स्थिति में मरीजों को वायरस, बैक्टीरिया और फंगस इंफेक्शन का डर लगा रहता है। कई बार मरीज के परिजन इसकी शिकायत करते हैं। लेकिन, यह पता कर पाना आसान नहीं है कि चादर बदला गया है या नहीं। हर दिन चादर का रंग निर्धारित होने से आसानी होगी।
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कायाकल्प पुरस्कार को विभाग सक्रिय
केंद्र सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करनेवाले अस्पतालों व सीएचसी को कायाकल्प योजना के तहत पुरस्कृत कर रही है। प्रतियोगिता में सफल होने के लिए कई मापदंड तय किए गए हैं। इसमें साफ-सफाई महत्वपूर्ण है। पिछले वर्ष जिले के सुंदरपहाड़ी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पुरस्कृत किया गया। इस वर्ष इस रेस में सदर अस्पताल व अन्य केंद्र भी हैं। इस कारण विभाग की सक्रियता बढ़ गई है। बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए विभाग परिवर्तन कर रहा है।
वार्ड में लगेगा झूलता पर्दा : सदर अस्पताल में चादर व तकिया के कवर के साथ मरीजों की गोपनीयता के लिए महिला -पुरुष वार्ड में हैंगिग कॉर्टन (झूलता हुआ पर्दा) लगाने का निर्णय लिया है। इस दिशा में भी अस्पताल प्रबंधन ने पहल शुरू कर दी है। अभी तक यह व्यवस्था निजी नर्सिग होम में ही उपलब्ध है।
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सात दिनों के लिए अलग - अलग रंग की चादर खरीदने की स्वीकृति अस्पताल प्रबंधन समिति से मिल गई है। मरीजों की बेहतर सेवा के लिए विभाग प्रयासरत है। इससे चादर प्रतिदिन बदले गए हैं या नहीं यह स्पष्ट हो जाएगा। मरीज भी संक्रमण से बचेंगे। मरीजों की गोपनीयता को ले सभी वार्ड में हैं¨गग कॉर्टन भी लगेंगे। क्रय की प्रक्रिया प्रगति पर है।
- डॉ. बनदेवी झा, सिविल सर्जन, गोड्डा।