ईसीएल के 84 आवासों पर अवैध कब्जा
महागामा के ऊर्जानगर में स्थित ईसीएल के करीब 84 आवासों पर आसपास के लोगों ने कब्जा जमा लिय
महागामा के ऊर्जानगर में स्थित ईसीएल के करीब 84 आवासों पर आसपास के लोगों ने कब्जा जमा लिया है। लाख कोशिश के बाद भी कंपनी उसे खाली नहीं करा पा रही है। इन आवासों में कौन रह रहे हैं यह कंपनी को भी मालूम नहीं है। एक-एक व्यक्ति ने कई-कई आवासों पर कब्जा कर रखा है। कंपनी ने अलग-अलग कोटि के करीब 132 आवास बाहरी लोगों को आवंटित किया है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना में इसका खुलासा हुआ है। कंपनी के अनुसार कॉलोनी में विभिन्न कोटि के कुल 1488 आवास हैं। इनमें एनएचएस 880, बी टाइप 463, सी टाइप 98 एवं डी टाइप 47 आवास हैं।
गौरतलब हो कि 1980 के आसपास जिले के बोआरीजोर प्रखंड के ललमटिया में राजमहल परियोजना की शुरूआत की गई। इसमें काम करने वाले कर्मियों के लिए महागामा के ऊर्जानगर में आवासीय कॉलोनी का निर्माण कराया गया। पूर्व में यहां चार हजार से अधिक कर्मी काम करते थे लेकिन अब यह संख्या घट कर मात्र दो हजार के आसपास रह गई है। अगर पारदर्शिता के साथ आवास का आवंटन हो तो अधिकतर कर्मियों को आवास आवंटित हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ईसीएल में काम करने वाले एक हजार से अधिक कर्मी आवास के लिए वर्षों से ईसीएल के राजमहल एरिया कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। संभव हैं आफिस का चक्कर लगाते-लगाते वे रिटायर हो जाए लेकिन उन्हें आवास का आवंटन न हो। ललमटिया में कुछ वर्ष पूर्व औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण कराया गया जो आज तक चालू नहीं हो पाया लेकिन उसके प्राचार्य के नाम पर भी दो आवास आवंटित कर दिया गया। महागामा थाना के आफिसर इंचार्ज के नाम से दो आवास आवंटित हैं। ईसीएल में काम करनेवाले कई कांट्रेक्टरों से लेकर महागामा में स्थिति विभिन्न बैंकों के मैनेजर तक को यहां आवास आवंटित किया गया है। अकेले डीएवी के शिक्षकों को करीब 50 आवास आवंटित किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के हित में बाहरी लोगों को भी आवास आवंटित किया गया है। एक और महत्वपूर्ण बात है कि यहां मुफ्त में आवास पाने वाले लोग सरकार से हाउस रेंट भी ले रहे हैं। एक प्रकार से उन्हें दोहरा लाभ हो रहा है। ------------------------ वर्जन :::: कंपनी हित में कुछ बाहरी लोगों को भी आवास आवंटित किया गया है। कुछ आवासों पर अवैध कब्जा भी है जिसे खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। प्रक्रिया के तहत ही उसे खाली कराया जा सकता है। प्रक्रिया के तहत अगर आवास खाली नहीं होता है तो प्रशासन की मदद से उसे खाली कराया जाएगा। डीके नायक, जीएम आइसी, राजमहल एरिया