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शहर से लेकर गांव तक नवरात्र को लेकर बढ़ी रौनक

ा पंडालों व मंदिरों में शारदीय नवरात्र को लेकर धूम मची हुई है। चारोओर उत्साह का माहौल है। नवरात्र के तीसरे दिन देवी भगवती के तीसरे रूप चंद्रघंटा की आराधना की गयी। वहीं विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पूजा पंडालों को भव्य रूप देने की कवायद तेज हो गई है। जिला मुख्यालय के बड़ी दुर्गा रौतारा-बढ़ौना शिवपुर सिनेमाहाल गांधीनगर सरकंडा सि

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:34 AM (IST)
शहर से लेकर गांव तक नवरात्र को लेकर बढ़ी रौनक

जागरण टीम, गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के पूजा पंडालों व मंदिरों में शारदीय नवरात्र को लेकर धूम मची हुई है। चारोओर उत्साह का माहौल है। नवरात्र के तीसरे दिन देवी भगवती के तीसरे रूप चंद्रघंटा की आराधना की गयी। वहीं विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पूजा पंडालों को भव्य रूप देने की कवायद तेज हो गई है। जिला मुख्यालय के बड़ी दुर्गा, रौतारा-बढ़ौना, शिवपुर सिनेमाहाल, गांधीनगर, सरकंडा सहित कुरमन, रंगमटिया सहित विभिन्न प्रखंडों के मंदिरों में दुर्गापूजा को लेकर देवी स्थापना व मेला को लेकर भव्य तैयारी की जा रही है।

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महागामा : मंगलवार को तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा हेतु सुबह से ही मां दुर्गा की पूजा अर्चना हेतु श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई थी वहीं सुबह 10:30 बजे सरकारी पूजा की की गई जिनमें की राजा परिवार के लोगो एवं पंडितों के द्वारा माता की पूजा की गई। पंडित सतीश कुमार झा ने बताया कि माता के माथे पर चंद्रमा के आकार का घंटा है इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा गया है। इनका शरीर सोने के समान चमकीला है इनके दसों हाथों में विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र मौजूद हैं और यह हमेशा युद्ध के लिए उद्धत रहती है अर्थात वीर मुद्रा में स्थित है। यह देवी दुश्मनों का विनाश करने के लिए हमेशा तैयार रहती है। इसलिए जिन्हें अपने दुश्मनों पर विजय पाना हुए वे इनकी आराधना निश्चित रूप से करते हैं और इन्हें दूध में बनी हुई वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं इसलिए इन्हें मक्खन मिश्री दूध आदि का भोग निश्चित रूप से लगाया जाता है।

मेहरमा : श्री श्री 108 दुर्गा पूजा समिति पिरोजपुर काली स्थान पूजा समिति के सदस्यों द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। पंडाल में लगे अधिकांश बंगाल के कलाकार द्वारा अंतिम रूप देने में जुड़े हुए हैं। परंतु बीते 4 दिनों से हो रही बारिश के कारण पंडाल बनाने में कारिगरों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। बावजूद वह कार्य में जुटे हुए हैं। पूजा समिति के अध्यक्ष राजू सिंह, सचिव मुक्ति नाथ पांडे, कोषाध्यक्ष राजीव लोचन प्रसाद, उपसचिव आत्मा पांडे, व्यवस्थापक योगेंद्र ठाकुर के अलावे कमेटी के अन्य सदस्य पूजा की तैयारी में लगे हुए हैं। आगे आत्मा पांडे ने बताया कि प्रत्येक दिन सुबह 10:00 बजे मंदिर परिसर में पूजा अर्चना की जाती है। जहां आचार्य बालकृष्ण पंडित, सूरज मिश्र के द्वारा नवरात्रि की उपासना की जा रही है। यजमान के रूप में रंजन सिंह पूजा पर हैं। शाम में संध्या आरती भव्य तरीके से की जाती है, पूजा को लेकर सभी के बीच काफी उत्साह बना हुआ है। इसके अलावा बलबडडा, पिरोजपुर सिघाड़ी, अमोर इत्यादि स्थानों में भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। इसके अलावा बलबडडा, पिरोजपुर सिघाड़ी, अमोर इत्यादि स्थानों में भव्य मेले की तैयारी की जा रही है।

ललमटिया :- पुरानी दुर्गा मंदिर ललमटिया में देवी के तीसरे रूप चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना हर्षोल्लास के साथ की गई। पंडित पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि वह अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं इसी कारण उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले उपासक को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान मिलता ।


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