आज खुलेंगे पट, मां की एक झलक पाने को उमड़ेंगे भक्त
जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के पूजा पंडालों व दुर्गा मंदिरों में शनिवार सप्तमी को देवी दुर्गा सहित अन्य प्रतिमाओं की स्थापना करने के साथ ही मंदिरों के पट खोल दिये जायेंगे। इसके साथ ही शुरू हो जायेगा दुर्गा पूजा का महान पर्व। इसको लेकर चहुओर उत्साह का माहौल है।
गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के पूजा पंडालों व दुर्गा मंदिरों में शनिवार को प्रतिमा की स्थापना के साथ मंदिरों के पट भी खोल दिए जाएंगे। शुक्रवार को सभी मंदिरों में मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की आराधना की गई वहीं देवी स्थापना को लेकर विल्वभरणी का पूजन किया गया।
जिला मुख्यालय के बड़ी दुर्गा, रौतारा-बढ़ौना दुर्गा मंदिर, शिवपुर सिनेमा दुर्गा मंदिर, गांधीनगर एवं सरकंडा दुर्गा मंदिरों के अलावा कुरमन, चिलौना आदि दुर्गा मंदिरों में दुर्गापूजा को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। मेला को लेकर मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में दुकानें सज गईं हैं। भीड़ के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे से लोगों पर नजर रखी जा रही है।
महागामा : दुर्गा मंदिर में दूसरी बार भव्य पंडाल निर्माण किया गया। शुक्रवार को पंडाल को अंतिम रूप देकर निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। महागामा दुर्गा मंदिर की मूर्ति की विशेषता है कि यहां जितिया पर्व से पहले मूर्ति निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है। सप्तमी के दिन आंगन में कलश रखकर नवपत्रिका का पूजन करके कलाकार द्वारा प्रतिमा में आंख लगाया जाता है। कलाकार की ओर से मूर्ति में चक्षु देने के बाद उसे नहीं देखा जाता है। पंडित सचिव कुमार झा के द्वारा मुकुट लेकर सर्वप्रथम माता का दर्शन किया जाता है और वह माता को मुकुट पहनाया जाता है। मौके पर कौशलेश कुमार झा, अखिलेश मिश्रा, पवन चौधरी, प्रदीप झा आदि के द्वारा अन्य मूर्तियों को मुकुट पहनाया गया। शनिवर को प्रात: 4:00 बजे झाडू एवं पावरा का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें कि हजारों की संख्या में भक्तगण शामिल होंगे। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है
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बोआरीजोर :- बोआरीजोर प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गा पूजा को लेकर दुर्गा मंदिरों में नवरात्र में नियमित दुर्गा सप्तशती पाठ किया जा रहा है। शुक्रवार को माँ दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई। प्रखंड मुख्यालय बाजार, श्रीपुर बा•ार, आदि में पूजा कमिटी के द्वारा पंडालों को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है। --------------------
मेहरमा: शारदीय नवरात्र को लेकर प्रखंड मुख्यालय सहित क्षेत्र के विभिन्न गांवों के मां दुर्गा मंदिरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान मेहरमा चौक स्थित शैलेंद्रनाथ महादेव मंदिर, पिरोजपुर पुराना हाट मंदिर, सिद्धू कान्हू चौक स्थित मां दुर्गा- बजरंगबली- काली मंदिर सहित ईटहरी, सिघाड़ी, गोविदपुर,बलबड्डा आदि गांवों के दुर्गा मंदिरों में नवरात्र पाठ व मां दुर्गा सहित विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। सभी मंदिरों व पूजा पंडालों में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग बैरिकेटिग की गई है। नवरात्र के छठे दिन शुक्रवार को मां दुर्गा के षष्ठम स्वरूप मां कात्यायन की आराधना की गई। इस अवसर पर पिरोजपुर पुराना हाट मंदिर परिसर में भव्य मेले का आयोजन किया गया है। मेले में तारा- माची, झूला सहित विभिन्न प्रकार के खेल तमाशा सहित अन्य दुकानें सजने लगी हैं। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए पूजा पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। नवमी दशमी एकादशी पूजा के दिन ड्रोन कैमरा व पूजा का लाइव प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की गई है। ----------------------
बसंतराय : नवरात्र को लेकर प्रखंड मुख्यालय के दुर्गा मंदिर व पूजा पंडालों में पूजा अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। प्रखंड के महेशपुर, बसंतराय, सनौर, बोदरा, सनौर गांव में दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है। दुर्गा पूजा को लेकर जगह- जगह भव्य पंडाल व तोरण द्वार बनाये गये हैं।
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ललमटिया : ललमटिया के पुरानी दुर्गा मंदिर एवं राजमहल परियोजना पूजा समिति के सौजन्य से स्कूल मैदान ललमटिया में मां के छठे स्वरूप कात्यायनी की पूजा-अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा पंकज चतुर्वेदी एवं शालीग्राम पांडे के द्वारा की गई । मां के पूजन के बाद यजमान मानिक ठाकुर के द्वारा बेलभद्राणि के आगमन को लेकर निमंत्रण दिया गया। इसके बाद रात्रि में वेदी पूजन की तैयारी पूरी की गई। पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि मां के छठे स्वरूप कात्यायनी की पूजा अर्चना जो श्रद्धालु तन मन से करते हैं मां उसका कल्याण करती है । मां कात्यायनी का जन्म का कात्यायन ऋषि के घर पर हुआ था इसलिए मां के इस स्वरूप को कात्यायनी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी कात्यायनी की पूजा करने से मन की शक्ति मजबूत होती है ।साधक इंद्रियों को अपने वश में कर सकते हैं अविवाहित को देवी की पूजा करने से अच्छे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।