मानव के विकास के लिए अनुशासन व नियम कानून जरूरी
गोड्डा स्थानीय महिला कालेज सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से भारतीय संविधान पर
संस,गोड्डा : स्थानीय महिला कालेज सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से भारतीय संविधान पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता प्रो. सुमनलता ने की। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अधिवक्ता अफसर हसनैन ने कहा कि मानव विकास से ही नियम-कानून व अनुशासन जुड़े हुए हैं। मानव के विकास के लिए अनुशासन व नियम कानून जरूरी है। हमारा देश भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। यह हजारों वर्षों तक गुलाम रहा बावजूद इसकी गौरवशाली अतीत व संस्कृति आज भी अक्षुण्ण बनी है। आजादी के बाद हमारा संविधान बना जिसमें सभी को ध्यान में रखते हुए नियम-कानून बनाये गये हैं। यह संविधान सबसे उपर है। संविधान से उपर कोई नहीं है। संसद में कानून भी बनता है तो सुप्रीम कोर्ट यह जांच करती है कि कहीं संविधान की मूल भावना को आहत तो नहीं पहुंचाया गया है। इसलिए हमें संविधान के दायरे में रहकर ही अपने अधिकार व कर्तव्यों को समझने की जरुरत है। कालेज की प्राध्यापिका बिदु कुमारी ने कहा कि कदम- कदम पर हमें अपने अधिकार व कर्तव्यों को समझने की जरुरत है। संविधान में हमें अधिकार तो प्रदान कर दिये हैं लेकिन इसके लिए सभी को कर्तव्य करने की जरुरत है। इसी कड़ी में एनएसएस इकाई की सुमनलता, नूतन झा, डा. शाबरा तब्बसुम, डा. रेखा कुमारी, पूनम झा, डा. कंचन कुमार, डा. संजय कुमार यादव आदि ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डा. ब्रजेश मिश्रा कर रहे थे। भाषण प्रतियोगिता में कोमल कुमारी, तरन्नुम एवं निधि वत्स ने भारतीय संविधान पर विस्तृत प्रकाश डाले ।