धान बीज उत्पादक के रूप में बनेगी जिले की पहचान
गोड्डा:आने वाले दिनों में गोड्डा की पहचान धान बीज के उत्पादक के रूप में होगी। इसकी तैया
गोड्डा:आने वाले दिनों में गोड्डा की पहचान धान बीज के उत्पादक के रूप में होगी। इसकी तैयारी में जिला प्रशासन जुट गया है। यहां तैयार होने वाले धान बीज का निर्यात राज्य समेत देश के अन्य भागों में किया जाएगा। उम्मीद है कि बेहतर गुणवत्ता होने के कारण जिले की पहचान शीघ्र ही देश स्तर पर बन जाएगी। इस कड़ी में जिला प्रशासन ने जिले में धान बीज तैयार करने के लिए तीन प्रोसे¨सग यूनिट की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इससे यहां के किसानों की न केवल आय दोगुनी होगी उन्हें अपने गांव में ही रोजगार भी मिलेगा। अगर सब ठीक रहा तो नये साल में धान बीज की प्रोसे¨सग यूनिट काम करने लगेगी। प्रशासन का लक्ष्य 2020 में गोड्डा की धान बीज को बाजार में उपलब्ध कराना है। जिले में कार्यरत है बीज ग्राम : जिले के सदर प्रखंड व उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में धान बीज ग्राम पिछले दो साल से कार्यरत है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) की देखरेख में यह काम कर रहा है। केवीके द्वारा ही आधार बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाता था जिससे बीज तैयार कर किसान केवीके व कृषि विभाग को उपलब्ध कराते थे। इसके एवज में उन्हें राशि प्राप्त होती थी। लेकिन वह बीज बाजार के लिए तैयार नहीं होता था। इसलिए किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता था। केवीके उन धान बीजों को प्रोसे¨सग यूनिट को देती थी जिसके बाद उन बीजों का इस्तेमाल खेती के लिए दूसरे किसान करते थे। लेकिन, यह काफी सीमित था। इससे काफी कम किसानों को लाभ मिल पाता था। अब अपनी प्रोसे¨सग यूनिट स्थापित हो जाने से बीज को सीधे बाजार के लिए तैयार किया जा सकेगा और इसकी अच्छी कीमत भी मिलेगी। प्रशासन उपलब्ध कराएगा बाजार : जिला प्रशासन ने जिले के किसानों को धान बीज उत्पादन के बाद उसके खपत में कोई परेशानी न हो इसके लिए बाजार उपलब्ध कराएगा। प्रशासन ने इसके लिए नेशनल सीड कारपोरेशन लिमिटेड (एनएससीएल) व कई निजी धान बीज कंपनियों से करार करने की योजना बनाई है। इस दिशा में भी संबंधित विभाग ने पहल कर दी है जिससे गोड्डा के धान बीज का इस्तेमाल केवल जिला व अपने ही राज्य में नहीं बल्कि आसपास के पश्चिम बंगाल, बिहार व उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में होगा। यूनिट का संचालन स्वयं किसान समूह करेंगे। जिले का वातावरण अनुकूल : जिले का वातावरण व यहां की मिट्टी धान का बीज तैयार करने के अनुकूल हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने अपने चार - पांच साल के कार्यकाल में कई तरह के सर्वे इसके लिए किया है। यहां स्थानीय धान की कई किस्में लगाकर उसका बीज तैयार किया गया जो सफल रहा। धान बीज की प्रोसे¨सग यूनिट के निर्माण पर लगभग 75 लाख रुपये खर्च होंगे। सांसद निधि से यह राशि खर्च की जाएगी। इसके लिए कागजी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। इस माह या अगले माह यूनिट निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा। वर्जन ::::
जिले के गोड्डा व बसंतराय प्रखंड में तीन धान बीज की प्रोसे¨सग यूनिट स्थापित होगी। इससे किसान समूह स्वयं धान बीज सीधे बाजार के लिए तैयार कर सकेंगे। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी साथ ही जिले का धान बीज का इस्तेमाल राज्य समेत दूसरे राज्य के किसान कर सकेंगे।
- संतोष कुमार, प्रभारी नीति आयोग कोषांग गोड्डा
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इन गांव में होगा यूनिट का निर्माण
- गोड्डा: नूनमाटी व अमलो
- बसंतराय: सुस्ती
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इन धानों का बीज होगा तैयार
- स्वर्णा, राजेंद्र मंसूरी, अभिषेक, सहभागी, बासमती आदि।