देवी स्थापना को लेकर विल्वभरणी पूजा आज
गोड्डा जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के दुर्गा मंदिरों सहित पूजा पंडालों में शा
गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के दुर्गा मंदिरों सहित पूजा पंडालों में शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता रूप की आराधना की गई। जबकि सप्तमी को सभी मंदिरों में नवपत्रिका प्रवेश के साथ ही देवी की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही दुर्गापूजा का महान पर्व शुरू हो जाएगा। नवपत्रिका प्रवेश को लेकर गुरुवार को विल्वभरणी की विधिवत पूजा की जाएगी। दुर्गापूजा को लेकर प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है । जबकि जगह-जगह प्रोटोकाल के अनुरुप पूजा पंडालों को आकर्षक रूप दिया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास क्षेत्र में बेरिकेडिंग की गई है ताकि शारीरिक दूरी का पालन करते हुए देवी का दर्शन किया जा सके। इस बार मेला व विशेष आकर्षण पर पाबंदी लगा दी गई है। किसी भी अप्रिय घटना व प्रोटोकोल को बनाए रखने को लेकर लगातार दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल जायजा ले रहे हैं। प्रशासन द्वारा पूर्व में ही पूजन से संबंधित फरमान जारी किया गया है। जिला मुख्यालय के बड़ी दुर्गा, रौतारा-बढ़ौना, शिवपुर- सिनेमा, गांधीनगर,सरकंडा के अलावा कुरमन, चिलौना आदि जगहों पर वैष्णवी दुर्गा की स्थापना की जाती है। जबकि बारकोप, महागामा, महेशपुर, मोतिया आदि जगहों पर पारंपरिक रूप से राजघराने के समय से दुर्गापूजा मनाने की परंपरा है। बसंतराय : प्रखंड के डेरमा एवं बोदरा गांव स्थित पूजा पंडाल पर शारदीय नवरात्र की शुरुआत से अंतिम दिन तक दुर्गा सप्तशती का अखंड पाठ किया जाता है। दिन-रात हो रहे श्लोकों के पाठ से आसपास का वातावरण आध्यात्मिक हो गया है। डेरमा के आचार्य सुधीर चंद्र झा ने बताया कि यहां सौ वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। शारदीय नवरात्र में देवी का अनवरत गुणगान होता रहता है। इससे बड़ी सौभाग्य की बात क्या हो सकती है। बोदरा के पुजारी सदानंद मिश्र ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से गांव के महादेव मंदिर परिसर में ही प्रतिमा स्थापित की जाती है।
----------------------------------------- मेहरमा: प्रखंड मुख्यालय सहित क्षेत्र के विभिन्न गांवों में शारदीय नवरात्र व दुर्गापूजा की धूम मची है। नवरात्र पाठ व भक्ति गीतों से माहौल भक्तिमय में बना हुआ है। पूजा को लेकर बाजारों में चहल- पहल बढ़ने लगी है। लोगों के घरों में मेहमानों और दूरदराज रहने वाले लोगों का वापस अपना घर आना शुरू हो गया है। स्थानीय शैलेंद्र नाथ महादेव मंदिर के अलावा पिरोजपुर, इटहरी, गोविदपुर, सिघाड़ी, बलबडडा आदि गांवों के दुर्गा मंदिरों व अधिकतर श्रद्धालुओं द्वारा अपने अपने घरों में कलश स्थापित कर नवरात्र पाठ किया जा रहा है। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन गुरुवार को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की अराधना पारंपरिक रीति रिवाज के साथ हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में की गई। इस दौरान मंदिरों व पूजा पंडालों में सुबह- शाम नवरात्र पाठ,आरती, भजन से मंदिर सहित आसपास का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। नवरात्र पाठ सुनने व पूजा-अर्चना को लेकर मंदिरों व पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। पोडै़याहाट : प्रखंड मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गापूजा को लेकर उत्साह चरम सीमा पर है। दुर्गा मंदिरों एवं पंडालों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती के पाठ से एवं भक्तों की पूजा-अर्चना से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। गुरुवार को मां दुर्गा की स्कंदमाता रूप की पूजा की गई। प्रखंड मुख्यालय के बाजी रोड पुराना बाजार बंगाली टोला के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वेडीह, बक्सरा, बिरनिया, मानिकपुर, डांड़ै, पसई, द्रुपद ,रघुनाथपुर ,देवडांड़, लाठीबाड़ी, हरियारी आदि गांवों में आयोजकों द्वारा पूजा पंडालों को आकर्षक साज-सज्जा किया जा रहा है। वहीं रंग-बिरंगे बिजली की झालरों एवं प्रकाश व्यवस्था से पंडालों को आकर्षक बनाया जा रहा है। सभी पूजा पंडालों के द्वारा अपने-अपने तरह के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं । पथरगामा : प्रखंड मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के दुर्गा मंदिरों में शारदीय नवरात्र को लेकर उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। प्रखंड मुख्यालय के बड़ी दुर्गा मंदिर पथरगामा आचार्य जी महाराज के द्वारा मां दुर्गा के पंचम रूप की पूजा की जा रही है, ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर बारकोप में पंडित लवली झा के द्वारा तांत्रिक विधि से पूजा की जा रही है, वैष्णवी दुर्गा मंदिर, लौगाय में पंडित यशवंत बाजपेई के द्वारा पूजा की जा रही है, श्री श्री 108 वैष्णवी दुर्गा मंदिर बिषाहा रजौन मोड़ में पंडित पुतुल तिवारी के द्वारा मां दुर्गा के पंचम रूप स्कंद माता की पूजा अर्चना शारीरिक दूरी का पालन करते हुए किया जा रहा है।
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ललमटिया : बुधवार को ललमटिया स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर एवं राजमहल परियोजना द्वारा निर्मित दुर्गा मंदिर में मां के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना कर भक्तों ने मां का आशीर्वाद लिया। बाबा पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि जो भक्त तन मन से मां की पूजा अर्चना करते हैं मां उनकी हर मुरादें पूरी करतीं हैं तथा संतान सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को स्कंद के नाम से भी जाना जाता है। भगवान स्कंद को माता पार्वती ने प्रशिक्षित किया था, इसलिए माँ दुर्गा के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता कहते हैं।मां की कृपा से बुद्धि में वृद्धि होती और ज्ञान रूपी आशीर्वाद मिलता है।
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ठाकुरगंगटी: प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में बुधवार को दुर्गा पूजा की पंचमी तिथि के रूप में स्कंदमाता के रूप की आराधना की गई। मोरडीहा दुर्गा मंदिर के कुल पुरोहित पंडित पंकज कुमार झा ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को दिन में षष्ठी पूजा के रूप में मां दुर्गा की मां कात्यायनी रूप की पूजा होगी। वहीं रात्रि 11:00 बजे के बाद से सप्तमी तिथि को मानकर प्रतिमा की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रारंभ होगा। इस दौरान विगत 28 वर्षों की तरह इस वर्ष भी आस्था विश्वास, धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा कर प्रतिमा को पिडी पर स्थापित कर दिया जाएगा। इस कार्य में दुर्गापूजा समिति अध्यक्ष कृष्ण कुमार वर्मा के अलावे मुरलीधर पासवान, विनय रजक, प्रीतम यादव,अमरेंद्र कुमार आजाद, ज्योति साह, मुन्ना जयसवाल, विलास यादव, योगेश ठाकुर, राजकुमार चौधरी, संतोष ठाकुर, अर्जुन साह , पूर्णानंद पंडित, व्यासमुनि साह, राजकुमार पासवान, विक्की कुमार आदि सहयोग कर रहे हैं ।