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संसाधन के अभाव में शिक्षा से वंचित हो रहे गरीब बच्चे

वाईफाई सुविधा और एंड्रवाइड मोबाइल की कमी से अभियान पड़ रहा कुंद - शिक्षा की बेसलाइन डेल्टा रैकिग में सातवें स्थान पर रहने वाले गोड्डा जिले में ऑनलाइन शिक्षा में सिर्फ 25 फीसद बचों की उपस्थिति वाईफाई सुविधा और एंड्रवाइड मोबाइल की कमी से अभियान पड़ रहा कुंद - शिक्षा की बेसलाइन डेल्टा रैकिग में सातवें स्थान पर रहने वाले गोड्डा जिले में ऑनलाइन शिक्षा में सिर्फ 25 फीसद बचों की उपस्थिति जागरण संवाददाता गोड्डा आकांक्षी जिले के शिक्षा सूचकांक में दबदबा कायम करने क

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:15 AM (IST)
संसाधन के अभाव में शिक्षा से वंचित हो रहे गरीब बच्चे

जागरण संवाददाता, गोड्डा : आकांक्षी जिले के शिक्षा सूचकांक में दबदबा कायम करने के बाद भी गोड्डा में कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है। राज्य सरकार यहां डिजी साथ एप के माध्यम से ज्ञानोदय मॉडल का बढि़या पाठ्यक्रम की सामग्री बच्चों के बीच परोस रही है। लेकिन इसमें संसाधनों की कमी आड़े आ रही है। कहीं मोबाइल नेटवर्क की समस्या है तो कहीं बिजली की। वहीं 75 फीसद अभिभावकों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है। इस कारण ऑनलाइन शिक्षा में परेशानी हो रही है। वहीं कई ऐसे अभिभावक हैं जो हर माह तीन सौ रुपये बच्चों की पढ़ाई के लिए मोबाइल में डेटा भराने के सक्षम नहीं है। यहां सरकार के स्तर से गरीब बच्चों के लिए कोई सुविधा नहीं है। न तो कभी फ्री वाईफाई की सुविधा है और ना ही सरकार ने गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्हें टैब और स्मार्ट फोन ही मुहैया कराया है।

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जिले के सुदुरवर्ती सुंदरपहाड़ी, बोआरीजोर, ठाकुरगंगटी, महगामा आदि प्रखंडों के कई गांवों में मोबाइल टावर नहीं है। यहां लोगों को नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ता है। शिक्षकों की ओर से गांव गांव में वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को जोड़़ा गया है, जिससे उनके बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ा जा सके। आधिकारिक आंकड़ें बताते हैं कि जिले में बुनियादी और माध्यमिक शिक्षा में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति महज 25 फीसद है। वहीं ज्ञानोदय मॉडल की ऑनलाइन शिक्षा में हाई स्कूल स्तर के करीब 60 फीसद बच्चों की भागीदारी का दावा विभाग करता है। यहां जिला प्रशासन और अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से ज्ञानोदय कार्यक्रम से ही थोड़ी बहुत उम्मीद बंधती है। ज्ञानोदय के तहत जिले के 260 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास के जरिए ऑडियो-वीडियो माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था की गई है। क्या कहते अभिभावक :

सुंदरपहाड़ी के टेशो बथान गांव के अभिभावक सुधीर ठाकुर के पुत्र राजू कुमार ठाकुर वर्ग सप्तम एवं पुत्री दीपा कुमारी वर्ग तृतीय में पढ़ती है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय टेशो बथान दोनों अध्ययन कर रही है। सुधीर ठाकुर ने बताया कि बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में यहां काफी परेशानी होती है। गांव में सरकार को फ्री वाईफाई की सुविधा और गरीब बच्चों को स्मार्ट फोन देना चाहिए तभी यह योजना सफल होगी। सुंदरपहाड़ी के करमाटांड़ गांव की अभिभावक बिजली देवी की बेटी सुनीता कुमारी

वर्ग अष्टम पास कर चुकी है। नवम वर्ग में नामांकन हुआ है। अभी विद्यालय में पठन पाठन बंद है। घर में स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है जिसकारण उनकी बच्ची ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रही है। गरीबी के कारण दस से पंद्रह हजार रुपये का मोबाइल और फिर प्रति माह 300 रुपये का रिचार्ज कराना उनके लिए संभव नहीं है। टेशोबथान के देव नारायण राय के पुत्र भुनेश्वर राय वर्ग चतुर्थ में पढ़ रहे हैं। सरकार से निशुल्क पोशाक, स्कूल बैग, जूता मौजा, एमडीएम का चावल, छात्रवृत्ति आदि मिल रहा है लेकिन अभी कोरोना काल में पढ़ाई चौपट हो गई है। बच्चे को ऑनलाइन शिक्षा नहीं दिला पा रहा हूं।

वहीं महागामा के परसा गांव निवासी अभिभावक मो अजमेर उर्फ मूसा कहते हैं कि कोरोना महामारी में शिक्षा व्यवस्था पर सुधार अति आवश्यक है। बच्चों को घर से ही शिक्षा देने की अलग से व्यवस्था होनी चाहिए ताकि बच्चे लगनशील और मेहनती बने। सभी स्कूल बन्द है तो सरकार को ऑनलाइन शिक्षा के लिए संसाधन भी मुहैया कराना चाहिए। ताकि गरीबों का बच्चा भी पढ़ सके।


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