राजमहल परियोजना से पावर प्लांटों को कम हो रही कोयला आपूर्ति
कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच में आई कमी के कारण ईसीएल की राजमहल परियोजना के साथ ही एनटीपीसी के कहलगांव और फरक्का पावर प्लांट की मुश्किलें बढ़ गई है। कोयला उत्पादन प्रभावित होने पर इसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ता है।
संवाद सहयोगी, ललमटिया : कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच में आई कमी के कारण ईसीएल की राजमहल परियोजना के साथ ही एनटीपीसी के कहलगांव और फरक्का पावर प्लांट की मुश्किलें बढ़ गई है। कोयला उत्पादन प्रभावित होने पर इसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ता है। ईसीएल की राजमहल परियोजना से बीते करीब छह माह से कोयला आपूर्ति की कमी आई है। इस कारण वैकल्पिक तौर पर पश्चिम बंगाल से एनटीपीसी कोयला मंगा रहा है। बुधवार को कोयला संकट को देखते हुए एनटीपीसी से जुड़े सेंट्रल इलेक्ट्रिक ऑथारिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी पीएस सिब्बल ने राजमहल परियोजना के एरिया कार्यालय में प्रभारी महाप्रबंधक देवेंद्र कुमार नायक के साथ बैठक कर राजमहल परियोजना में कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच की विस्तृत रिपोर्ट पर चर्चा की। इसके बाद परियोजना के आला अधिकारियों के साथ विभिन्न खनन क्षेत्र का भ्रमण भी किया गया। राजमहल परियोजना के प्रभारी महाप्रबंधक ने बताया कि एनटीपीसी कहलगांव एवं एनटीपीसी फरक्का को अधिक से अधिक कोयला डिस्पैच करने के लिए विशेष बातचीत की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि राजमहल परियोजना जमीन की समस्या से जूझ रही है । तालझारी मौजा में लगभग डेढ़ सौ बीघा जमीन अधिग्रहण हो चुकी है । वहां परियोजना की ओर से 11 रैयतों को नौकरी भी दी गई है। साथ ही तालझारी के भू दाताओं को जमीन का मुआवजा के तहत छह करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है। फिर भी तालझारी मौजा में कुछ लोग खनन कार्य में बाधा डाल रहे हैं । इसके कारण परियोजना की सॉवेल मशीन खड़ी है। उन्होंने बताया कि समस्या के समाधान के लिए तालझारी के रैयतों के साथ वार्ता की जा रही है।