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उलझती जा रही चालक हत्याकांड की गुत्थी

गोड्डा : पोड़ैयाहाट थाना के निजी वाहन के निजी चालक राजीव कुमार की मौत की गुत्थी अबतक न

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 07:04 PM (IST)
उलझती जा रही चालक हत्याकांड की गुत्थी
उलझती जा रही चालक हत्याकांड की गुत्थी

गोड्डा : पोड़ैयाहाट थाना के निजी वाहन के निजी चालक राजीव कुमार की मौत की गुत्थी अबतक नहीं सुलझ पाई है। मामले में बुधवार की शाम तक प्राथमिकी नहीं दर्ज हो पाई थी। परिजनों का आरोप है पुलिस ने हत्या करा दी जबकि पुलिस का कहना है गश्ती के दौरान अज्ञात वाहन की चपेट में आ जाने से उसकी मौत हो गई। परिजन चाहते हैं कि पुलिस हत्या का मामला दर्ज कर जांच करे जबकि पुलिस गश्ती के दौरान साथ चल रहे जवान के बयान पर दुर्घटना का मामला दर्ज करना चाहती है। पुलिस का यह भी कहना है मामला हत्या का नहीं है। फिलहाल मामला संदिग्ध लग रहा है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। यहां पर पुलिस के पास प्राथमिकी के दो विकल्प हैं- पहला परिजन में बयान पर मामला दर्ज किया जाए जो हत्या का मामला दर्ज कराना चाहते हैं। दूसरा- पुलिस गश्ती दल में साथ चल रहे जवान के बयान पर मामला दर्ज करे। यहां पर दुर्घटना का मामला कहा जा रहा है। हालांकि जिस परिस्थिति में घटना हुई कई रहस्य राजीव की मौत के बाद ही दफन हो गए। पुलिस सूत्र के अनुसार रात्रि गश्ती में वापस थाना आना था लेकिन थाना न आकर राजीव व जवान डाड़े मोड़ चले गए। रात होने के कारण जवान गाड़ी में रहते हैं और चालक को कोई अज्ञात वाहन मार देता है। हालांकि पुलिस चालक के काल डिटेल को भी खंगाल सकती है। इससे यह स्पष्ट होगा कि उसे किसी ने बुलाया तो नहीं था। मेडिकल रिपोर्ट से भी तस्वीर स्पष्ट हो सकती है। दूसरी ओर कहा जा रहा है कमराडोल व आसपास के इलाका में बालू माफिया के साथ ही पशु तस्कर भी सक्रिय है जहां रात के अंधेर ट्रक से पशुओं को चोरी छिपे दुमका, पाकुड़ के रास्ते बंगाल ले जाया जाता है। पशु तस्करी में भी अंतरराज्यीय व अंतरजिला गिरोह भी काम कर रहा है। इलाके में पड़नेवाले नदी से बालू माफिया बालू का अवैध खनन करते हैं। फिलहाल राजीव की मौत की गुत्थी उलझती ही जा रही है। सदर एसडीपीओ रविकांत भूषण का कहना है पुलिस ने जांच के सारे विकल्प को खुला रखा है। अबतक दुर्घटना में मौत की बात आ रही है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार कर रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस वाहन निजी चालकों के भरोसे : जिले में पुलिस महकमे में वाहन के अनुपात में चालकों की काफी कमी है। जिला पुलिस बल में मात्र 18 चालक हैं। होमगार्ड के भी करीब 15 चालक हैं। इस कारण पुलिस महकमे में निजी चालकों को रखा जा रहा है। थाना का गश्ती वाहन तीन शिफ्ट में चलता है। यह भी बात कही जाती है प्राइवेट चालक को विभाग की ओर से वाहन चलाने के एवज में किसी तरह को कोई मानदेय अथवा पैसा नहीं दिया जाता है। प्राइवेट ड्राइवर जुगाड़ तंत्र पर कार्य कर करते हैं। यही कारण है ऐसे निजी चालक को ज्यादातर थाना में ही रखा जा रहा है। जबकि सरकारी व होमगार्ड के एक दो ड्राइवर ही थानों में है। यही कारण है प्राइवेट चालक से वाहन चलवाना पड़ रहा है।

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