बालू घाट से माफियागिरी हटे तो मिल सकता प्रवासी मजदूरों को रोजगार
सरकार से उम्मीद है स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार गोड्डा दूसरे प्रदेश से लौटे प्रवासी मजदूर चिलकारा के भीम दास विदेशी रविदास चंदना के चंदन टूडू करमटोला चंदना के मोहन टूडूयोगेश ठाकुर होपना किस्कू आदि का कहना है दूसरे प्रदेश के पीड़ा झेलकर आये है अब यह उम्मीद है कि सरकार व प्रशासन स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराये यहां कुछ मजदूरी भी मिले तो परिवार का भरणपोषण हो जायेगा। इसके लिए सरकार को जो भी व्यवस्था है तत्काल करनी चाहिए। व्यवस्था ऐसी हो कि अब मशीन की जगह मजदूर को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी मिले ताकि रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बहार से आने के बाद वे लोग बैठे है। अब क्वारंटाइन की अवधि भी समाप्त हो रही है। जो भी करना हो सरकार जल्द से जल्द करें
गोड्डा: जिले में कोरोना संक्रमण काल में प्रवासी मजदूर की वापसी के बाद से अब उनके रोजगार को लेकर कवायद शुरू की जा रही है। इसके साथ ही सरकार व प्रशासन में मंशा है जिले में संसाधन है उससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार प्रवासी मजदूर को मुहैया कराया जा सकेगा। जहां बालू खनन क्षेत्र में भी प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलने की संभावना दिख रही है। लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या है कि वर्षों से बालू घाट पर कब्जा जमाये राजनीतिक संरक्षित माफिया के वर्चस्व को तोड़ते हुए आम मजदूर व प्रवासी मजदूर के लिए बालू खनन के क्षेत्र में रोजगार को तलाशा जाए। पिछले कई वर्षो से जिला में बालू का कारोबार चंद बालू माफिया के कब्जे में रहा है जहां से ऐसे लोग जहां सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। वहीं गिने चुने लोग ही इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इन्हें व्यवस्था से जुड़े कतिपय भ्रष्ट लोगों का समर्थन मिलता रहा है।
जानकार भी मानते हैं कि हेमंत सोरेन सरकार ने सरकार गठन के बाद से ही इस दिशा में पहल शुरू की है अब स्थानीय को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले। ऐसे सरकार को सबसे पहले स्थानीय लोगों को बालू घाटों की बंदोबस्ती की व्यवस्था करानी होगी। जहां इस बात का भी ध्यान रखना होगा ऐसे लोगों को इस प्रक्रिया से दूर रखा जाय जिसका आपराधिक अथवा माफियागिरी की पृष्ठभूमि रही हो। साथ ही बालू घाट की बंदोबस्ती में इस बात का शर्त अनिवार्य रूप से रहना चाहिए बालू जिला से बाहर नहीं जाना चाहिए और मशीन की जगह मजदूर को ही खनन कार्य करवाना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में मजदूर को रोजगार मिल सकता है। जिले में आज की तारीख में दो दर्जन से अधिक बालू घाट हैं। जबकि कुछ जानकार का यह भी मानना है कि बालू घाट में माफियागिरी की पूरी संभावना है। ऐसे में सरकार ऐसी व्यवस्था दे कि बालू के खनन व परिवहन में सीधे तौर पर सरकार की भूमिका हो। इससे मामला ज्यादा पारदर्शी होगा। साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सकेगा। अब कि जबकि लॉकडाउन चार समाप्त हो चुका है अनलॉक की ओर राज्य जा रहा हैं। ऐसे में सरकार को अब जितनी जल्द हो सके बालू घाटों की बंदोबस्ती कर देनी होगी या फिर वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी ताकि बालू खनन के क्षेत्र में प्रवासी मजदूर को तत्काल रोजगार मिल सके और घाट बंदोबस्ती के बाद माफियागिरी व गुंडागर्दी पर अंकुश लग पायेगा। इधर बालू घाट कि बंदोबस्ती न होने से सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों के राजस्व को नुकसान हो रहा है और माफियागिरी के कारण मजदूर व प्रवासी मजदूर को रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है। सरकार से उम्मीद है स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार :
गोड्डा: दूसरे प्रदेश से लौटे प्रवासी मजदूर चिलकारा के भीम दास, विदेशी रविदास, चंदना के चंदन टुडू, करमटोला चंदना के मोहन टुडू,योगेश ठाकुर, होपना किस्कू आदि का कहना है दूसरे प्रदेश के पीड़ा झेलकर आये हैं अब यह उम्मीद है कि सरकार व प्रशासन स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराये यहां कुछ मजदूरी भी मिले तो परिवार का भरणपोषण हो जायेगा। इसके लिए सरकार को जो भी व्यवस्था है तत्काल करनी चाहिए। व्यवस्था ऐसी हो कि अब मशीन की जगह मजदूर को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी मिले ताकि रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बहार से आने के बाद वे लोग बैठे है। अब क्वारंटाइन की अवधि भी समाप्त हो रही है। जो भी करना हो सरकार जल्द से जल्द करें -------------------------
बालू कि माफियागिरी के बिल्कुल खिलाफ हूं। सूबे के मुख्यमंत्री से इस मसले पर पिछले दिन बात भी हुई है जहां मुख्यमंत्री से से अनुरोध किया गया है कि जितनी जल्द हो सके जिले की सभी बालूघाट कि बंदोबस्ती कराया जाय। इससे जहां माफियागिरी व गुंडागर्दी पर अंकुश लगेगा। वहीं सरकार को राजस्व मिलने के साथ कि मजदूर व प्रवासी मजदूर को रोजगार भी मिलेगा। सरकार भी इन मामले को लेकर गंभीर है उम्मीद है जल्द ही कोई समाधान होगा। लेकिन किसी भी तरह के अवैध खनन व गैरकानूनी कार्य के वे बिल्कुल खिलाफ है। नियमसंगत तरीके से बालू घाट संचालित हो और हर हाल में अब मशीन की जगह मजदूर से काम लिया जायेगा।
- दीपिका पांडेय सिंह, विधायक महगामा
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प्रवासी मजदूर को बालू खनन व परिवहन के रोजगार मिले इसके लिए सबसे पहले बालू घाट पर अवैध खनन के साथ ही माफियागिरी व गुंडागर्दी पर अंकुश लगाना जरूरी है। ये जबतक नहीं होगा प्रवासी मजदूर को रोजगार नहीं मिल सकेगा इसके साथ ही साइकिल से बालू ढुलाई में लगे मजदूर के लिए और सुविधा और छूट देने की जरूरत है। इससे रोजगार बढ़ेंगे व नदी संरक्षित रहेगा। घाट की बंदोबस्ती होना भी जरूरी है। बालू घाट से रसूखदार लोगों व माफिया, गुंडा तत्वों को हटाना जरूरी है। अवैध खनन भी नहीं रूक रहा है। जिसे रोकने में प्रशासन विफल साबित हो रहा है।
- अमित कुमार मंडल, विधायक गोड्डा