बाल विवाह की रोकथाम को सख्त कानून, समाज करे बदलाव की पहल
गोड्डा जिले भर के थाना मुख्यालयों में सोमवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर बाल विवाह की
गोड्डा : जिले भर के थाना मुख्यालयों में सोमवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर बाल विवाह की रोकथाम को शिविर लगाए और लोगों को इस दिशा में जागरूक करने की पहल की गई। अधिकारियों ने पंचायत स्तरीय प्रतिनिधियों सहित विवाह कार्य में शामिल होने वाली धार्मिक हस्तियां और सामग्री आपूर्तिकर्ताओं को खबरदार किया कि बाल विवाह में सहयोग करना और प्रोत्साहन देना दंडनीय अपराध है। भारतीय कानून के तहत किसी भी नाबालिग बच्चों का विवाह कराना संज्ञेय अपराध है। थाना और प्रखंड स्तर पर ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी तथा निषेधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जगह जगह वक्ताओं ने कहा कि गोड्डा जिले में लगभग 68.3 फीसदी बाल विवाह की दर है। यह राज्य पैमाने पर अधिक है। मेहरमा : मेहरमा थाना परिसर में बीडीओ सुरेंद्र उरांव, सीओ खगेन महतो, बाल संरक्षण अधिकारी, गैर संस्थागत गोड्डा ओम प्रकाश, पुलिस इंस्पेक्टर शिव शंकर तिवारी आदि ने बाल विवाह की रोकथाम को स्थानीय मुखिया, गणमान्य लोगों व महिलाओं को बाल विवाह पर रोक लगाने की अपील की। बीडीओ ने शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि लड़का और लड़की में फर्क नहीं समझें। सीओ खगेन महतो ने कहा कि कानून को कभी अपने हाथ में ना लें। शादी के समय लड़के की उम्र 21 वर्ष व लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। बाल संरक्षक अधिकारी ओमप्रकाश ने उपस्थित जनप्रतिनिधि व महिलाओं से पुरानी सोच को बदलने का आग्रह किया। वहीं पुलिस निरीक्षक शंकर तिवारी ने कहा कि 2006 से बाल विवाह पर रोक लगाई गइ है। सभी के सहयोग से ही इस कुप्रथा पर विराम लग सकता है। बैठक मुख्य रूप से जवाहर लकड़ा, मोहम्मद औरंगजेब, विवेकानंद झा, रंजीत यादव, जयप्रकाश शाह, चीकू कुमार, पिकू कुमार, कविता देवी, बीवी अनीशा, बीबी सहादिन सहित थाना के पुलिस पदाधिकारी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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हनवारा : महगामा एसडीपीओ डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी , हनवारा थाना प्रभारी फुलेश्वर प्रसाद सिंह, बाल कल्याण समिति के मुजफ्फर आलम, रितेश कुमार, राजेश कुमार गुप्ता आदि की उपस्थिति में सोमवार को आयोजित शिविर में क्षेत्र के धार्मिक गुरुओं, पंडित, मौलवी, नाई, हलवाई, बैंड पार्टी के मालिक, टेंट सामियाना के मालिक, वीडियोग्राफर एवं कुम्हार सहित अन्य को बाल विवाह की रोकथाम की विस्तृत जानकारी दी गई। बाल संरक्षण इकाई के मुजफ्फर आलम ने कहा कि बाल विवाह तभी रुकेगा जब लोग जागरूक होंगे। गोड्डा में बाल विवाह की दर अधिक है। इसे समाप्त करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मौके पर महागामा प्रमुख यूनुस अली, हनवारा के मुखिया मंजूर आलम, रामकोल मुखिया अख्तर हुसैन, जिच्छु रविदास, पंसस मुनीम चिश्ती, एहतेशाम, रउफ आलम सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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ललमटिया : थाना परिसर में सोमवार को डीसी के निर्देश पर ग्राम बाल संरक्षण समिति एवं प्रखण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन हेतु प्रखण्ड स्तरीय एक दिवसीय उत्प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रुप से जिला बाल संरक्षण इकाई गोड्डा की अध्यक्षा कल्पना कुमारी झा, जिला बाल संरक्षण इकाई सदस्य विनय चौधरी, संस्थागत संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्रा सहित अन्य की उपस्थिति में बाल विवाह की रोकथाम को पर बल दिया गया। साथ ही बाल तस्करी पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई। मौके पर ललमटिया थाना प्रभारी बलिराम रावत, प्रखण्ड प्रमुख चंदर हॉसदा, पूर्व जिला परिषद सदस्य बबलू हॉसदा, नीलमुनी मुर्मू, मुखिया अंजेला सोरेन, बाबुराम टुडू, श्यामलाल सोरेन, बदन हांसदा सहित दर्जनों थे।
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बोआरीजोर : प्रखंड प्रशिक्षण भवन में प्रमुख चन्दर हांसदा की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधि, चौकीदार, ग्राम प्रधान, ग्रामीणों के साथ एक दिवसीय प्रशिक्षण देकर बाल विवाह की रोकथाम पर बल दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि कम उम्र में बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास नही होता है। इसका बुरा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है। लड़की मां बनने योग्य नहीं होती है। बाल विवाह से बच्चों पर हिसा, शोषण, यौन अत्याचार बढ़ता है और बचपन खो जाता है। जिला पार्षद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज मे प्रधान, गुडित नाइकी प्रमुख होते हैं। उनकी जिम्मेवारी अधिक है कि वे इस कुप्रथा पर लगाम लगाएं। बीडीओ सोमनाथ बनर्जी ने कहा कि बाल विवाह अपराध है जिसपर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। मौके पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र, कल्पना झा, विनय चौधरी, इंस्पेक्टर तरुण कुमार, थाना प्रभारी घनश्याम गोस्वामी, नीरज ठाकुर, काजल कुमार आदि थे।