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हाथी से बचाने को गांवों में निषेधाज्ञा, बिहार के बाद झारखंड में प्रशासन का अजीब फैसला Godda News

Godda में हाथियों का उत्पात 2004 से जारी है। इसमें ज्यादातर सदर प्रखंड सुंदरपहाड़ी पोड़ैयाहाट बोआरीजोर प्रखंड के गांवों में हाथियों ने तबाही मचाई है।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 10:49 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 10:49 AM (IST)
हाथी से बचाने को गांवों में निषेधाज्ञा, बिहार के बाद झारखंड में प्रशासन का अजीब फैसला Godda News
हाथी से बचाने को गांवों में निषेधाज्ञा, बिहार के बाद झारखंड में प्रशासन का अजीब फैसला Godda News

गोड्डा, जेएनएन। भीषण गर्मी और लू से परेशान लोगों को बचाने के लिए बिहार के गया जिले में प्रशासन ने बीते दिनों अजीबी-गरीब फैसला लिया था। जिलाधिकारी ने गया जिले में निषेधाज्ञा लगा दिया था। यह मामला देश-भर में सुर्खियों में रहा। अब उसी तरह झारखंड के गोड्डा जिले के 13 गांवों में निषेधाज्ञा लगा दी गई है। अपराध प्रक्रिया की संहिता 144 के तहत ग्रामीणों को हाथियों के प्रकोप से बचाने के लिए कार्रवाई की गई है।

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जंगली हाथियों के हमले में शुक्रवार को गोड्डा में दो लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद प्रशासन ने शनिवार को गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट व सदर प्रखंड के 13 गांव सहित संभावित अन्य इलाकों में लोगों की सुरक्षा के लिए निषेधाज्ञा लगा दी है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय पीएम कुजूर के अनुसार हाथी के आवागमन से धेनुकट्टा, लाठीबाड़ी, बंधाघाट, सतपहाड़ी, चतरा, जामवाद, तालाझारी, बांझी, देवढाड़, अगियामोड़, कर्णपुरा, बेलबथान, राजदाहा सहित अन्य संभावित गांवों में दहशत का माहौल है।

मालूम हो कि तीन लोगों को हाथी ने मार दिया है। अब किसी तरह की जानमाल की क्षति न हो इसके लिए इन गांवों में निषेधाज्ञा लगा दी गई है।  विशेष कर हाथी के आगमन के साथ ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ती है। ऐसे में गुस्साए हाथी का क्रोध लोगों को देख और भड़कता है। वह लोगों पर हमला कर रहा है। हाथी के आने पर भीड़ न उमड़े इसलिए निषेधाज्ञा लागू की गई। डीएफओ अरविंद कुमार ने कहा कि हाथी को भगाने के लिए बांकुड़ा से हाथी भगाओ दल को बुलाकर अभियान में लगाया गया है।

हाथियों के उत्पात से अबतक 14 की गई जानें, दो दर्जनों हुए जख्मीः जिले में हाथियों का उत्पात 2004 से जारी है। इसमें ज्यादातर सदर प्रखंड सुंदरपहाड़ी, पोड़ैयाहाट, बोआरीजोर प्रखंड के गांवों में हाथियों ने तबाही मचाई है। वर्ष 2015 के जुलाई माह में हाथियों ने दो लोगों की जान ली थी वहीं एक को घायल कर दिया था। अब एक 14 लोगों की जान जा चुकी है। गिरिडीह, कोडरमा के रास्ते संताल पहुंचता है हाथी। संताल परगना में हाथियों का झुंड गिरिडीह, कोडरमा व पश्चिम सिंहभूम के रास्ते आता रहा है। शुक्रवार को तबाही मचाने वाला हाथी जामताड़ा, दुमका, पाकुड़ होते हुए गोड्डा जिला की सीमा में प्रवेश कर जाता है। हाथी ड्राइव को बांकुड़ा से आई टीम हाथियों द्वारा मचाई गई तबाही को देखते हुए बांकुड़ा के हाथी भगाओ टीम के दस सदस्य को हाथी खदड़ने के लिए लगाया गया है। हाथी पोड़ैयाहाट के जंगलों में बीते 24 घंटे से मौजूद है। वन विभाग के अधिकारी भी कैंप किए हुए हैं ताकि हाथी को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाए।

पोड़ैयाहाट के गांवों में भारी दहशतः प्रखंड के दर्जनों गांवों के लोग शुक्रवार की रात जागकर दहशत में बिताए। बताया जाता है कि हाथी के भय से सुगाथान, गौरीपुर, हरियारी, सिकटिया, सतबंधा, बलाथर, बेलडांग, लता ,अमजोरा, शिवनगर, मोहानी, माधुरी ,तेलियाटीकर सहित दर्जनों गांव के लोग रात भर टायर व मशाल जलाकर पहरा देते रहें हैं, ताकि हाथी गांव में प्रवेश न कर सके। इस दौरान महिला और बच्चे एक जगह इकट्ठा रह रहे हैं। इधर शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार के दिन तथ हाथी द्वारा कोई अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दिया गया है। इधर धनुकट्टा, बंधाघाट ,सतपहाड़ी ,चतरा ,तालझारी के आसपास घूमते हुए मतकुपी जंगल में हाथी डेरा जमा हुए है। शनिवार की देर शाम को वन विभाग द्वारा बुलाए गए हाथी भगाओ दल हाथी को गोड्डा सीमा से पार करने के तैयारी में जुटे थे।

बांकुड़ा से हाथी भगाओ दल की टीम को बुलाया गया है। किसी तरह की जान-माल की क्षति नहीं न हो इसके लिए कुछ इलाकों में धारा 144 लगाया गया है। लोगों से अपील है कि हाथी की खबर के बाद भीड़ ने जुटे साथ ही महिला और बच्चों की सुरक्षा करें।

- अरविद कुमार, डीएफओ, गोड्डा

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