सोचने का नजरिया बदलने की जरूरत : संजय
गोड्डा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को महिला महाविद्यालय के सभागार म
गोड्डा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को महिला महाविद्यालय के सभागार में बाल विवाह विषयक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला जज द्वितीय संजय प्रताप ने कहा कि महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। इसके लिए हमें खुद से ही सुधार कर अपनी जिम्मेदारी खुद तय करनी होगी। सही रास्ते पर चलकर ही हमें अधिकार की प्राप्ति हो सकती है। जो कार्य खुद का पसंद नहीं हो वैसा कार्य कदापि नहीं करें यही कानून है। अगर हम किसी के संवैधानिक अधिकार का हनन करते हैं तो कानून में दंड का प्रावधान है। संविधान में हमें मौलिक अधिकार प्रदत्त हैं लेकिन इसके साथ-साथ कर्तव्यों का निवर्हन भी करने की जरूरत है तभी हम समाज में शांति व भाईचारे का माहौल बना सकते हैं। बाल विवाह कानूनन अपराध है। शादी के लिए भी उम्र सीमा का निर्धारण किया गया है। बाल विवाह करानेवाले अभिभावक, पंडित व बरात दंड के भागीदारी होते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संजय कुमार ¨सह ने कहा कि कानून की नजर में सभी को बराबरी का दर्जा प्राप्त है। लड़के- लड़कियों के बीच शुरूआती दौर से ही दोरंगी नीति अपनाई जाती है। लड़कियों को कमजोर व पुत्र को सबल समझने की भूल की जाती है। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गौतम कुमार, कॉलेज की प्राचार्या किरण चौधरी, सुधि वत्स, डॉ. शाबरा तब्बसूम, रेखा ¨सह, रीटेनर अजीत कुमार, स्थायी लोक अदालत के सदस्य के संदीप कुमार दुबे, नूतन झा आदि ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन पीएलवी एन कुमार ने किया। मौके पर निरंजन कुमार दास, हसन अंसारी, बैजंती माला, पूजा रानी, हासिम अंसारी आदि मौजूद थे।