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गोड्डा में ढोलिया-चंदा नदी उफान पर, गांव जलमग्न

बलवड्डा (गोड्डा) : रात भर हुई भारी बारिश ने मेहरमा और ठाकुर गंगटी प्रखंड की स्थिति खराब कर दी है।

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 01:26 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 07:37 AM (IST)
गोड्डा में ढोलिया-चंदा नदी उफान पर, गांव जलमग्न

बलवड्डा (गोड्डा) : रात भर हुई भारी बारिश ने मेहरमा और ठाकुर गंगटी प्रखंड की स्थिति खराब कर दी है। मेहरमा प्रखंड के सौरीचकला पंचायत के साथ ठाकुर गंगटी प्रखंड की खरखोदिया और फुलवरिया पंचायत पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। प्रखंड समेत अन्य क्षेत्रों से संपर्क टूट चुका है। धान, गन्ना, मिर्च और मकई की पूरी फसल बर्बाद हो गई। 17 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। लोग पानी के उतरने का इंतजार कर रहे हैं।

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गोड्डा के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में बीती रात जमकर बारिश हुई। नतीजतन यहां की सभी नदियां उफान पर आ गई। इनमें ढोलिया और चांदा नदी शामिल हैं। इन पंचायतों के स्कूल, पंचायत भवन, सड़क और खेत खलिहान में पानी भरा हुआ है।

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एक हजार हेक्टेयर की खेती पर असर : बाढ़ से क्षेत्र के करीब 1000 हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। इसके अलावा गन्ना, मिर्च, मकई एवं मौसमी सब्जियों की खेती भी बाढ़ की भेंट चढ़ गयी।

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सुबह में बढ़ रहा था पानी : मेहरमा और ठाकुर गंगटी प्रखंड में लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। पिछले तीन घंटे के अंदर करीब डेढ़ फीट पानी ऊपर चढ़ा है। पानी बढ़ने से लोग ऊंची जगह पर जाने को विवश हैं। पशु-मवेशियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

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इनसेट-

तीसरी बार आई भयंकार बाढ़

मेहरमा : ऐसा नहीं है कि बाढ़ आने की यह घटना पहली बार हुई है। यह इस क्षेत्र की तीसरी घटना है। सभी लोग अचंभित हैं। पहली बार वर्ष 1995 में यहां के लोगों का सामना बाढ़ से हुआ था। उस वक्त कई सड़कें और पुल पुलिया बह गयी थी। फसल बर्बाद हुई थी। दूसरी बार बाढ़ वर्ष 1999 में आयी और अब वर्ष 2015 में आयी है।

बाढ़ का कारण : प्रशासन की मानें तो इस क्षेत्र में बाढ़ आने का मुख्य कारण बारिश का पानी है। मेहरमा और ठाकुर गंगटी से होकर गुजरने वाली नदियों में पानी साहिबगंज, बरहेट, बोआरीजोर आदि इलाकों से आता है। यदि इन क्षेत्रों में जोरदार बारिश हो तो यहां की मुख्य ढोढरी और चांदा नामक नदियां अपने पूरे उफान पर होती हैं। यही स्थिति इस बार भी हुई है।

आगे अब क्या : यदि रविवार की रात भी मूसलधार बारिश हुई तो स्थिति और भी विकट होगी। बीती रात जो बारिश हुई है उसी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। चारो तरफ पानी ही पानी है।

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अंचल-प्रखंड कर्मियों को कार्यालय पहुंचने का आदेश : प्रखंड विकास पदाधिकारी उदय कुमार ने सभी प्रखंड एवं अंचल कर्मियों को तत्काल कार्यालय पहुंचने का आदेश दिया है। रविवार का अवकाश होने के कारण कोई भी पदाधिकारी प्रखंड में मौजूद नहीं था। बीडीओ स्वयं गोड्डा गए हुए थे।

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मछली मारने में जुटे लोग : बाढ़ की स्थिति से ग्रामीण जहां चिंतित दिख रहे हैं, वहीं कुल लोगों के लिए यह मछली मारने का सुनहरा मौका मिल गया है। खास कर बच्चे इसका मजा लेते देखे गए।

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प्रभावित गांव :

मेहरमा प्रखंड के गांव : सौरी चकला, दासू चकला, पीपरा, नवाडीह, डोमनचक, बदलाचक, हरिपुर, सोनपुर आदि।

ठाकुर गंगटी के गांव : नवाडीह, खानपुर, हरिपुर, खरखोदिया, फूलवरिया, कालीकीता, भरतुकिता, भिखारीकिता, गम्हरा, मकुचक, दियारा आदि।

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नहीं पहुंचे प्रखंड कृषि पदाधिकारी

मेहरमा : मेहरमा और ठाकुर गंगटी प्रखंड के गांवों में बाढ़ आने की सूचना पर ही पूरा प्रखंड एवं जिला प्रशासन रेस हो गया था। लेकिन एक अधिकारी ऐसे थे, जिन्होंने इस विपदा की घड़ी में भी अवकाश पर रहे। जानकारी मिलने के बाद ही प्रखंड एवं अंचल स्तर के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पहुंचने का आदेश दिया गया था। इस आदेश के बाद पुलिस एवं प्रशासन के अधिकांश लोग ग्रामीणों की मदद को पहुंच गए, लेकिन प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुमन कुमार नहीं पहुंचे। जबकि इस बाढ़ से सबसे अधिक प्रभाव फसलों पर हुआ है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी को फोन पर कई बार संपर्क किया गया पर फोन उठाना उचित नहीं समझा। क्षेत्र की बीसीओ से भी संपर्क किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।

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शाम को हुई बारिश से माथे पर बल

मेहरमा : बाढ़ प्रभावित मेहरमा और ठाकुर गंगटी के गांव के लोगों के लिए रविवार का दिन ठीक नहीं रहा। दिन भर बाढ़ से बचाव के उपाय के बीच शाम की फिर से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने सभी को चिंता में डाल दिया है। रविवार को दिन ढलने के साथ राहत कार्य में जुटे प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों व बाढ़ में फंसे ग्रामीणों के लिए उस समय और भी विकट स्थिति हो गई जब संध्या पांच बजे के करीब बारिश शुरू हो गई। राहत कार्य रुक गया और लोग एक बार फिर किसी अनहोनी की आशंका से घिर गए। दैनिक जागरण से बातचीत में उपायुक्त ने बताया कि ठाकुर गंगठी में जहां एक पुल के ऊपर से पानी गुजर रहा है, मेहरमा प्रखंड के तीन गांव पूरी तरह से इससे प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी और ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने का आदेश दिया गया है। लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

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आंगनबाड़ी केंद्र बना आशियाना : बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाने के लिए दोपहर बारह बजे के बाद बचाव कार्य आरंभ किया गया था। दासूचकला और पीपरा गांव के लोगों को रस्सी के सहारे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। वहीं इन्हें रात गुजारने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में रखा गया है।

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इनसेट-

डीसी ने संभाली कमान

गोड्डा : मेहरमा और ठाकुरगंगटी में बाढ़ आने की सूचना के बाद से ही जिला प्रशासन सतर्क हो गया। उपायुक्त हर्ष मंगला ने तत्काल बीडीओ मेहरमा उदय कुमार को घटना स्थल के लिए रवाना किया। इनके साथ ही जिला से सदर अनुमंडल पदाधिकारी सौरव कुमार सिन्हा और समहर्ता अनिल तिर्की को भेजा गया। उपायुक्त हर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। कहा कि पानी उतरने की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। सभी अधिकारियों को राहत कार्य के लिए लगाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नाव उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा लोगों को खाने पीने की भी चीजें दी जा रही हैं। उपायुक्त मंगला ने कहा कि बाढ़ से जो भी क्षति हुई है, उसका आंकलन कर प्रत्येक पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी। पहली प्राथमिकता जान-माल की रक्षा की है।


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