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आठ माह से बंद डुमरी पेयजलापूर्ति प्लांट

डुमरी प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थापित डुमरी पेयजल आपूर्ति प्लांट विभागीय लापरवाही के कारण

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 08:00 AM (IST)
आठ माह से बंद डुमरी पेयजलापूर्ति प्लांट
आठ माह से बंद डुमरी पेयजलापूर्ति प्लांट

निमियाघाट (गिरिडीह) : डुमरी प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर स्थापित डुमरी पेयजल आपूर्ति प्लांट विभागीय लापरवाही के कारण 8 महीने से बंद है। सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में पीएचईडी प्रशासन विफल साबित हो रहा है। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से डुमरी में बना पेयजल आपूर्ति प्लांट शोभा की वस्तु बना हुआ है। डुमरी व जामतारा पंचायत में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर जल संयत्र स्थापित किया गया था। उसका सही तरीके से रखरखाव नहीं होने से यहां के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पेयजल की आपूर्ति नहीं होने से यहां के लोगों में आक्रोश है। प्लांट में आई तकनीकी खराबी को दुरुस्त करने की कई बार विभाग से गुहार लगाने के बावजूद विभाग ने इसे ठीक नहीं किया। तब लाचार लोगों के कई बार त्राहिमाम संदेश भेजा। इसके बाद डुमरी ग्रामीण जलापूर्ति संचालन समिति ने प्लांट को 15 मई से बंद कर दिया। वर्ष 1980 में डुमरी निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जमुनिया नदी पर इंटरवेल बनाकर करिहरी पहाड़ी पर टंकी और उसके नीचे प्लांट लगाया गया था। उस समय लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। यह प्लांट बनने के एक वर्ष बाद ही बंद हो गया इसके बाद इसे चालू कराने में विभाग ने कोई रूचि नहीं दिखाई। लगभग 20 वर्ष तक बंद रहने के बाद 8 फरवरी 2008 को तत्कालीन सांसद टेकलाल महतो एवं डुमरी के विधायक जगन्नाथ महतो के प्रयास से दो करोड़ 48 लाख की लागत से इस प्लांट के जीर्णोद्धार के लिए शिलान्यास हुआ। एक फरवरी 2011 को यह प्लांट पूर्ण रूप से चालू हो गया परंतु एक बार फिर यह प्लांट अपने कमांड एरिया के सभी उपभोक्ताओं तक जलापूर्ति करने में नाकाम रहा। प्लांट के जीर्णोद्धार के बाद ठेकेदार के एक वर्ष तक इसे ट्रायल में चलाने के बाद इसकी जिम्मेदारी समिति को मिली। कुछ वर्षों तक जैसे तैसे समिति ने इसे चलाया। तब बाध्य होकर 8 महीने पूर्व उसने हाथ खड़ा कर दिया। इसके पूर्व समिति के अध्यक्ष व सचिव ने कई बार विभाग को आवेदन देकर खराबी को दुरुस्त करने की मांग की परंतु विभाग उदासीन बना रहा ।

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15 दिनों से बंद मधुबन जलापूर्ति योजना

पीरटांड़ : लगभग 15 दिनों से बंद मधुबन पेयजलापूर्ति योजना का निरीक्षण शनिवार को झाविमो नेता चुन्नूकांत ने किया। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों व स्थानीय कर्मियों से बात की। बराकर के पास जहां से पानी का उठाव व फिल्टर होता है वहां कई मशीन खराब है। इसके लिए मशीन को मंगाने का ऑर्डर किया गया है। आने के बाद पानी को मधुबन भेजा जाएगा। चुन्नूकान्त ने कहा कि बराकर से मधुबन तक यह पानी जाता है  जो पन्द्रह दिनों से बंद है। इससे लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा है पर विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। बताया कि जल्द से जल्द इसे चालू करने का प्रयास किया जा रहा है।


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