गुल्ली यादव हत्याकांड में दो को आजीवन कारावास की सजा, 30 हजार जुर्माना भी Giridih News
देवरी थाना में 26 फरवरी 2017 को गुल्ली यादव हत्याकांड अंकित किया गया था। हत्या के बाद गुल्ली का शव कुएं में डाल दिया गया था।
गिरिडीह, जेएनएन। जिला जज द्वितीय कुमार दिनेश की अदालत ने मंगलवार को गिरिडीह जिले के देवरी थाना क्षेत्र के बैरिया टोला टंंगपजवा गांव निवासी गुल्ली यादव हत्याकांड में हरि यादव एवं सुखदेव यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही साक्ष्य छुपाने के मामले में तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। इसके अलावा अदालत ने 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गुरुवार 8 अगस्त को हत्या एवं साक्ष्य छुपाने के मामले में अदालत दोनों को गुरूवार को ही दोषी करार दे चुकी थी। दोषी ठहराए जाने के बाद जमानत पर चल रहे हरि यादव एवं सुखदेव यादव का बेल बांड रद कर हिरासत में ले लिया था तथा न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा गिरिडीह भेज दिया था।
मंगलवार को सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए दोनों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल से अदालत लाया गया था। बचाव पक्ष ने जहां कम से कम सजा देने की अपील की वहीं अभियोजन पक्ष ने दोनों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया।
क्या है मामला : देवरी थाना में इस संबंध में 26 फरवरी 2017 को मामला दर्ज किया गया था। गुल्ली की बिन्ती देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया 25 फरवरी 2017 को दोपहर दो बजे उसके पति अपने घर से बाइक से खिजुरी बाजार गए थे। उनके साथ उनके गांव के ही हरि यादव एवं सुखदेव यादव भी बाजार गए थे। तीनों मिलकर शाम को बाजार में मुर्गा बनवाकर एक साथ खाना खाए थे। रात लगभग 10 बजे हरि यादव व सुखदेव यादव दोनों उसके पति की पैसन प्रो़ बाइक और मोबाइल उसके घर पहुंचाने के लिए आए। जब उनसे पूछा कि उनका पति कहां हैं तो हरि यादव ने बताया कि उसे जगह पर रख दिए हैं। वह बार-बार उन दोनों से अपने पति कि बारे में पूछती रही। वे दोनों नशे की हालत में बार-बार बोलते रहे कि उसके पति को जगह पर रख दिए हैं और चले गए। इसके बाद उन लोगों ने खोजबीन शुरू की। उसके पति की हत्या कर शव को बेलकुसी दुधकियाटांड़ में गोरख महतो के कुएं में डाल दिया गया था। हरि यादव एवं सुखदेव यादव दोनों दोस्त हैं। 26 फरवरी की सुबह करीब साढ़े नौ बजे कुएं के पास उसके देवर कैलाश यादव पहुंचे। झांक कर देखा तो कुएं के पानी में खैनी रखने वाला डिब्बा नजर आया। इसके बाद उसके देवर को शक हुआ और उसने उसे बुलाया तो वह डिब्बे को पहचान गयी। कुएं में झग्गर डाला गया तो उसके पति गुली यादव का शव बंधा हुआ निकला। प्राथमिकी में दावा किया गया था कि हरि यादव एवं सुखदेव यादव द्वारा उसके पति को जान से मारकर साक्ष्य छुपाने के लिए शव को कुएं में डाल दिया है।
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