धुरगड़गी की दो डीप बोरिग योजना अधूरी
धुरगड़गी पंचायत के तारा गांव में लाखों रुपये से कराई गई डीप बोरिग में अभी तक सप्लाई के लिए कोई मशीन या पाइप नहीं लगाई गई है।
गिरिडीह। जमुआ के गांधी मैदान में एक जनसभा के दौरान इंदिरा गांधी ने वर्ष 1984 में क्षेत्र में हरियाली देखी थी। जमुआ के दक्षिणी भाग के किसानों की मेहनत देख उसे कृषि प्रधान क्षेत्र बनाने की घोषणा उन्होंने की थी। बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की ओर से उस वक्त वहां दो बड़ी डीप बोरिग योजना को चालू कराया था पर उस योजना को फिर से चालू कराना कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
धुरगड़गी पंचायत के तारा गांव में लाखों रुपये से कराई गई डीप बोरिग में अभी तक सप्लाई के लिए कोई मशीन या पाइप नहीं लगाई गई है। सांसद को इसी वर्ष 19 जून को क्षेत्र के गरीब किसानों ने इसे लेकर पत्र लिखा था लेकिन अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। सरकार ने पानी के लिए जल एवं स्वच्छता विभाग से कई योजनाएं बनाईं। पैसे को पानी की तरह बहाया लेकिन गांववालों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ। अगर पुरानी डीप बोरिग में ही पाइप का कनेक्शन कर दिया जाता तो तारा, धुरगड़गी एवं चुंगलो पंचायत में पानी की सप्लाई शुरू हो जाती। तारा पंचायत के ग्रामीणों ने इसे लेकर कई बार आवाज उठाई लेकिन इसमें कोई सुनवाई नहीं हो सकी। अंत में सांसद को भाजपा झारखंडधाम मंडल अध्यक्ष दशरथ वर्मा ने ग्रामीणों की ओर से पत्र सौंपा। पत्र में लिखा है कि अगर इस डीप बोरिग को चालू कर दिया जाए तो इन गांवों के लोग जलसंकट से मुक्ति पा जाएंगे।
पत्र में ग्रामीण बालगोविद पांडेय, खुशीलाल पांडेय, किशोरी शर्मा, हरि साव, अरुण कुमार गुप्ता, भैरो राम, अशोक मंडल, चमरू साव, बहादुर तुरी, धुरगड़गी के पंसस बैजनाथ साव, नंदकिशोर राय, राजू प्रसाद वर्मा, झरी, महादेव शर्मा, टूपलाल ठाकुर, दामोदर राणा, विवेक राय, टिकैत राय, सुनील राम, पुलचंद महतो, लक्ष्मण साव, रतन राय आदि दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर शामिल थे। --------------------
वर्जन
डीप बोरिग वर्ष 1984 में की गई थी और सभी गांवों का सर्वे भी किया गया था लेकिन योजना सिर्फ ठेकेदारी के लिए होकर रह गई।
सुनीता देवी, मुखिया