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अभी गर्मी से राहत के आसार नहीं, 45 डिग्री रहाअधिकतम पारा

अप्रैल महीने के शुरुआती 15 दिनों तक बूंदा-बांदी से राहत देने के बाद अब गर्मी खूब सता रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 12:18 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 12:18 AM (IST)
अभी गर्मी से राहत के आसार नहीं, 45 डिग्री रहाअधिकतम पारा
अभी गर्मी से राहत के आसार नहीं, 45 डिग्री रहाअधिकतम पारा

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: अप्रैल महीने के शुरुआती 15 दिनों तक बूंदा-बांदी से राहत देने के बाद अब गर्मी खूब सता रही है। रविवार को शहर का अधिकतम तापमान दोपहर तीन बजे 45 डिग्री रहा। सोमवार को भी गिरिडीह का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं। हालांकि मई के पहले सप्ताह में बादलों के कारण मौसम में थोड़ी नरमी रह सकती है।

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सियासी तापमान के साथ सूर्यदेव के रौद्र रूप ने भी मुश्किल बढ़ाई है। दूसरी ओर आम लोग व्यंग्य करते हुए कह रहे हैं कि चुनाव के बहाने ही सही, कम से कम इस बार एसी कमरे में रहनेवाले जनप्रतिनिधियों को हमारी पीड़ा का एहसास तो होगा।

शाम सात बजे पारा था 37 डिग्री सेल्सियस: गर्मी और धूप की तपिश फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है। रविवार को शाम सात बजे भी पारा 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम पारा 24 डिग्री सेल्सियस रहा। सूरज की तेज किरणों के साथ उमस के टॉर्चर ने लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया है। लू से बचने के लिए लोग तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। पेड़ की छांव खूब भा रही है। घरों से लोग हेलमेट, गमछा, दुपट्टा आदि लेकर निकल रहे हैं। सुबह 10 बजते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है।

जूस बचा रहे जान: तपती गर्मी से बेहाल लोगों की भीड़ जूस और फल दुकानों पर ही नजर आ रही है। गर्मी के कारण आम रस और बेल के शर्बत की डिमांड खूब बढ़ गई है।

बिजली कटौती ने दोगुनी की परेशानी: गर्मी से परेशान लोगों की समस्या बिजली संकट ने दोगुनी कर दी है। शहर के विभिन्न इलाकों में लाइन के मरम्मत के लिए बिजली कटौती की जा रही है। आम लोगों का कहना है कि सुबह में बिजली कटौती के कारण दिनचर्या प्रभावित हो रही है।

लू लगने का खतरा बढ़ा: गर्मी में लू लगने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्मी से पीड़ित लोगों के उपचार, प्रबंधन को लेकर सभी प्रखंडों के चिकित्सकों को सिविल सर्जन डॉ. रामरेखा प्रसाद ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि लू लगने का सबसे ज्यादा खतरा वृद्ध, गर्भवती और नवजात शिशुओं को रहता है। लू से बचाव का एक मात्र तरीका सावधानी बरतना है। लू लगने के बाद यदि समय पर इलाज नहीं हो तो मरीज की मौत भी हो सकती है। इसलिए लोग लापरवाही नहीं बरतें।

लू लगने के लक्षण: फिजिशियन डॉ. दीपक बगेड़िया ने बताया कि अगर अचानक शरीर का तापमान बढ़ जाए या फिर सिर में तेज दर्द होना अचानक से शुरू हो जाए तो सावधान हो जाना चाहिए। ये दोनों लू लगने के लक्षण हैं। लू लगने से किडनी, दिमाग और दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे इन अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। लू लगने के बाद नाड़ी और सांस की गति तेज हो जाती है। कई बार देखा गया है कि त्वचा पर लाल दाने भी हो जाते हैं। कई लोगों को लू लगने पर बार-बार पेशाब की भी शिकायत हो जाती है और शरीर में जकड़न हो जाती है।


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