दैनिक जरूरतों की सामग्रियों की कीमत में भारी उछाल
राजधनवार (गिरिडीह) कोरोना महामारी जहां लोगों को जख्म पे जख्म दे रही है वहीं महंगाई
राजधनवार (गिरिडीह) : कोरोना महामारी जहां लोगों को जख्म पे जख्म दे रही है वहीं महंगाई उस जख्म पर नमक व मिर्च डालकर लोगों को बेबस व मजबूर कर रही है। आलम यह है कि लोग अपने दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए कुछ भी कर गुजरने को विवश हैं। विदित हो कि आज से कुछ माह पूर्व रिफाइन 100 रुपये लीटर था जो आज 140 रुपये लीटर पहुंच गया है। सरसों तेल 140 रुपये लीटर था जो अभी 170 से 180 रुपये लीटर पर पहुंच गया है। इसी प्रकार अरहर दाल 80 रुपये किलो था जो अभी 110 रुपये किलो हो गया है। चना 45 रुपये किलो था जो अभी 65 रुपये किलो हो गया है। चना दाल 55 रुपये था जो अभी 75 रुपये पर पहुंच गया है। हल्दी की बात करें तो कुछ माह पूर्व यह 80 रुपये किलो था जो अभी 130 रुपये किलो हो गया है, गोलकी 350 रुपये किलो से 500 रुपये किलो हो गया है। पशुओं को खिलानेवाला चोकर 850 रुपये बैग था जो अभी 1050 रुपये बैग मिल रहा है। इस बाबत दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करनेवाले परमानंद कुमार, संजय कुमार, बिल्टू महतो और नजरूल अंसारी ने बताया कि कोरोना महामारी हमारे रोजगार को छीन रही है। वहीं रोजमर्रे की जरूरत की सामग्रियों में प्रतिदिन तेजी आ रही है। हमारी परेशानी को सुनने व समझनेवाला कोई नहीं है और न ही कोई इस महंगाई पर लगाम लगानेवाला ही नजर आ रहा है। यही हाल रहा तो आनेवाले समय में खाने पीनेवाली सामग्रियों के लिए लोग एक दूसरे के साथ किसी भी घटना को अंजाम देने से पीछे नहीं रहेंगे।