गिरिडीह जेल में फांसी लगाकर दे दी जान
suicide in Giridih jail. प्रेम प्रसंग में नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में जेल गए युवक ने फांसी लगाकर रविवार को आत्महत्या कर ली।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। नाबालिग लड़की को बरगला कर ले जाने के मामले में गिरिडीह सेंट्रल जेल में बंद युवक ने फांसी लगाकर रविवार को जान दे दी। मरने वाला युवक मनीष रजक बगोदर के जरमुने गांव का निवासी था। आरोप है कि बगोदर प्रखंड के ही एक गांव की दूसरे समुदाय की लड़की को वह बरगला कर ले गया था। इस घटना ने जेल की व्यवस्था की पोल खोल दी है। परिजनों ने लड़की के घरवालों पर जेल में मनीष की हत्या कराने का आरोप मढ़ा है।
मनीष 25 मार्च को लड़की के साथ भागा था। लड़की के परिजनों ने पोक्सो एक्ट के तहत बगोदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों को मध्य प्रदेश के बालाघाट से तीन अप्रैल को बरामद किया था। पांच अप्रैल को पुलिस ने मनीष को जेल भेज दिया था। रविवार दोपहर मनीष ने जेल परिसर के अंदर बने शौचालय के ऊपर निर्मित पानी की टंकी के पाइप से गमछे के सहारे फांसी लगा ली। पुलिस कर्मियों की नजर पड़ी तो तत्काल उसे सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जेलर कौलेश्वर राम पासवान का कहना है कि अपरान्ह तीन बजे वार्ड खुलने पर बंदी बाहर आए थे।
इस बीच, मनीष जेल के किनारे बने शौचालय के पीछे गया। वहां सभी लघुशंका को जाते हैं। इस बीच, टंकी के पाइप में फंदा लगाकर झूल गया। कुछ दूरी पर खड़े गार्ड और अन्य बंदियों उस पर जब नजर पड़ी तो उसे तुरंत उतारा। कारा के चिकित्सक ने जांच कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतक के भाइयों ने लड़की के परिजनों पर मनीष की हत्या कराने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
जेल में एक बंदी की मौत की सूचना मिली है। मामले की जांच को तत्काल एक टीम बनाई गई है। इसमें अनुमंडल पदाधिकारी राजेश प्रजापति, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जीतबाहन उरांव व अन्य अधिकारी शामिल हैं। टीम को जांच के लिए जेल भेजा गया है। जांच हो रही है। जांच के बाद ही स्पष्ट कुछ कहा जा सकेगा। -सुरेंद्र कुमार झा, पुलिस अधीक्षक, गिरिडीह