नाबालिग छात्रा के अपहर्ता को आजीवन कारावास, भाई को दस साल की सजा
पोक्सो के विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने नाबालिग छात्रा को अगवा करने वाले धीरज राम को आजीवन कारावास एवं इस अपराध में सहयोग करने वाले उसके चचेरे भाई विशाल राम को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
गिरिडीह : पोक्सो के विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने नाबालिग छात्रा को अगवा करने वाले धीरज राम को आजीवन कारावास व इस अपराध में सहयोग करने वाले उसके चचेरे भाई विशाल राम को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों भाइयों को 15 हजार रुपए अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड जमा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास काटनी होगी। न्यायाधीश ने वीडियो कांफ्रेंसिग से यह सजा गुरुवार की शाम सुनाई है। दोनों भाइयों को अदालत 25 सितंबर को दोषी करार चुकी थी।
सजा की बिदु पर आज सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने जहां अधिकतम सजा देने की अपील की, वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने की अपील की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में विशाल राम को जहां अपहरण में दोषी पाया गया वहीं धीरज राम को अपहरण के साथ पोक्सो की धारा में भी दोषी पाया गया था। घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र की है। इस कांड के सूचक ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि उसकी नाबालिग बेटी शौच के लिए घर से निकली थी। शाम को दोनों ने मिलकर मोटरसाइकिल पर बैठाकर उसका अपहरण कर लिया था। उसे डुमरी होते हुए बगोदर स्थित हरिहरधाम मंदिर ले गए थे। वहां धीरज ने जबरन शादी कर ली थी। इस मामले में अभियोजन की तरफ से एपीपी अजय कुमार साहू ने आठ गवाहों का परीक्षण कराया था। सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया। पीड़िता ने भी कहा कि उसका दोनों ने मिलकर अपहरण किया था। स्वतंत्र साक्षियों ने कहा कि घटना घटी थी। धीरज का छात्रा के साथ प्रेम प्रसंग था। दोनों के अलग-अलग जाति के होने के कारण उसके घरवालों को यह पसंद नहीं था। न्यायालय ने छात्रा के नाबालिग होने के कारण उसके साथ किए गए कृत को अपराध माना। इसी के आधार पर दोनों को दोषी करार दिया था।