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शोभा की वस्तु बनी सदर अस्पताल में लगा सोलर सिस्टम

करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सदर अस्पताल में करीब 90 लाख रूपये की लागत से एक कंपनी की ओर से लगाए गए सोलर सिस्टम ने चंद माह में ही एनर्जी देना बंद कर दिया है। सिस्टम के खराब होने का ठीकरा जहां कंपनीवाले अस्पताल प्रबंधन पर फोड़ रहे हैं तो वहीं अस्पताल प्रबंधन ने सिस्टम को वारंटी अवधि में होने की बात कह कंपनी से मरम्मति करवाने को पत्राचार किया है। बात जो भी हो जिस उम्मीद के साथ सदर अस्पताल में सोलर सिस्टम लगाया गया था आज वह मात्र शोभा की वस्तु

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 11:59 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 06:21 AM (IST)
शोभा की वस्तु बनी सदर अस्पताल में लगा सोलर सिस्टम

गिरिडीह : करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सदर अस्पताल में करीब 90 लाख रूपये की लागत से एक कंपनी की ओर से लगाए गए सोलर सिस्टम ने चंद माह में ही एनर्जी देना बंद कर दिया है। सिस्टम के खराब होने का ठीकरा जहां कंपनीवाले अस्पताल प्रबंधन पर फोड़ रहे हैं तो वहीं अस्पताल प्रबंधन ने सिस्टम को वारंटी अवधि में होने की बात कह कंपनी से मरम्मत करवाने को पत्राचार किया है। बात जो भी हो जिस उम्मीद के साथ सदर अस्पताल में सोलर सिस्टम लगाया गया था आज वह मात्र शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। अब जब से डीवीसी की ओर से 18 घंटे बिजली कटौती की सूचना आम हुई है तब से अस्पताल प्रबंधन के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक प्रवीर ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व जेरेडा, पूनम एनर्जी समेत तीन कंपनियों ने मिलकर सदर अस्पताल में लगभग 90 लाख रुपये की लागत से सोलर सिस्टम लगाया था ताकि बिजली कट होने पर अस्पताल में कोई कार्य प्रभावित ना हो। यहां लगाए गए सिस्टम का इन्वर्टर व एक दो बैट्री खराब हो गई। इसकी सूचना कंपनी को दी गई। कंपनी के कर्मी ने यहां आकर जांच कर बताया कि वर्षा का पानी इन्वर्टर में आ जाने के कारण वह खराब हो गया है। इसकी मरम्मत के लिए कंपनी की ओर से एक लाख रूपये से अधिक की मांग की जा रही है जबकि इन्वर्टर वारंटी अवधि में है। कंपनी वाले इन्वर्टर जलने या खराब हो जाने का दोष अस्पताल प्रबंधन पर मढ़कर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं। एक सवाल के जवाब में अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि सदर अस्पताल में बिजली कट होने पर वैकल्पिक तौर पर जेनरेटर का उपयोग किया जाता है। इधर पूनम एनर्जी की सुकन्या नामक एक कर्मी ने पहले कहा कि अस्पताल प्रबंधन की गलती के कारण इन्वर्टर मशीन खराब हुई है। बाद में उसने कहा कि प्रेसवालों को वह कुछ भी जानकारी नहीं देंगी।

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