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कीचड़ से मिली निजात, चकाचक बन गई गांव की सड़क

बेंगाबाद प्रखंड मुख्यालय से लुप्पी जाने वाली पथ पर चार किलोमीटर दूर स्थित घाघरा स्कूल के पास से बासोकुरहा गांव तक पक्की सड़क बन जाने से गांव के लोग काफी खुश हैं। गांव के लोग कच्ची व पगडंडी वाली रास्ते के सहारे किसी तरह घाघरा तक पहुंचकर पक्की सड़क से प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते थे लकिन अब गांव तक सड़क बन जाने से लोग राहत की सांस ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 06:37 AM (IST)
कीचड़ से मिली निजात, चकाचक बन गई गांव की सड़क

गिरिडीह। बेंगाबाद प्रखंड मुख्यालय से लुप्पी जानेवाले पथ पर चार किलोमीटर दूर स्थित घाघरा स्कूल के पास से बासोकुरहा तक पक्की सड़क बन जाने से गांव के लोग काफी खुश हैं। वे कच्ची व पगडंडीवाले रास्ते के सहारे किसी तरह घाघरा तक पहुंचकर पक्की सड़क से प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते थे लकिन अब गांव तक सड़क बन जाने से लोग राहत की सांस ले रहे हैं। सड़क का निर्माण करीब 26 लाख रुपये की लागत से हुई है। कच्चा पथ रहने के कारण गर्मी में जहां धूल गर्दा में चलना पड़ता था वहीं बरसात आने के साथ ही कीचड़भरे पथ पर खाली पैर चलने को मजबूर होना पड़ता था। गांव में करीब 45 घर हैं जहां चार सौ से अधिक की जनसंख्या निवास करती है। गांव के लोग काफी लंबे समय से कालीकरण पथ बनवाने की मांग कर रहे थे जिनका सपना अब साकार हो गया है। इस सड़क के बन जाने से ग्रामीणों को कहीं भी आने जाने में सहुलियत महसूस हो रही है। सड़क नहीं रहने के कारण गांव के लोग बरसात के दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करते हुए किसी भी कार्य के लिए बाहर निकलने में कतराते थे। गांव तक चकाचक सड़क बन जाने से वे उत्साहित हैं और सरकार के इस कार्य की सराहना कर रहे हैं।

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- गांव तक पक्की सड़क नहीं रहने से परेशानी होती थी। अब घाघरा से गांव तक सड़क बन जाने से कच्चे पथ से होनेवाली दिक्कत से निजात मिली है।

बहादुर भोक्ता, बासोकुरहा।

- बरसात में कीचड़ से होने वाली परेशानी से निजात मिल गया है। सड़क बन जाने से अब रोगी को इलाज के लिए बाहर ले जाने में भी सुविधा होगी।

विश्वनाथ भोक्ता, बासोकुरहा।

- सड़क के साथ अब गांव में पीने की पानी की समस्या को दूर करने का उपाय हो जाता तो और अच्छा होता। सड़क के साथ पहले पानी की भी समस्या थी।

मुखनी देवी, बासोकुरहा।

- पहले गांव से घाघरा तक जाने में भी परेशानी होती थी। बच्चे भी बरसात में कीचड़ हो जाने पर स्कूल नहीं जाना चाहते थे। सड़क बन जाने से सुविधा मिली है।

गोरी देवी, बासोकुरहा।


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