Move to Jagran APP

सलाखों के पीछे तो बह रही सोशल डिस्टेसिंग की उल्टी गंगा, एक-एक वार्ड में 40 कैदी कैंची कट सोने को मजबूर Giridih News

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सेंट्रल जेल प्रशासन कितना गंभीर है यह आंकड़ा देखने से पता चलता है। यहां करीब छह सौ बंदियों को रखने की क्षमता है पर यहां अभी आठ सौ आठ बंदी हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 09:06 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 09:06 AM (IST)
सलाखों के पीछे तो बह रही सोशल डिस्टेसिंग की उल्टी गंगा, एक-एक वार्ड में 40 कैदी कैंची कट सोने को मजबूर Giridih News
सलाखों के पीछे तो बह रही सोशल डिस्टेसिंग की उल्टी गंगा, एक-एक वार्ड में 40 कैदी कैंची कट सोने को मजबूर Giridih News

गिरिडीह, जेएनएनएन। कोरोना वायरस के सेंट्रल जेल गिरिडीह की सलाखों के पीछे तक पहुंचने का खतरा मंडराने लगा है। इस खतरे को देख यहां बंद हार्डकोर माओवादी एवं दुर्दांत अपराधी भी दहशत में हैं। यह खतरा यहां क्षमता से काफी अधिक संख्या में बंदियों के होने से मंडरा रहा है।

loksabha election banner

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सेंट्रल जेल प्रशासन कितना गंभीर है यह आंकड़ा देखने से पता चलता है। यहां करीब छह सौ बंदियों को रखने की क्षमता है पर यहां अभी आठ सौ आठ बंदी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने एक मीटर का सोशल डिस्टेंस बनाकर रहने का आह्वान किया है। इसका रत्ती भर पालन इस जेल में नहीं हो पा रहा है। जेल परिसर में कुल 18 वार्ड है। वहीं एक अस्पताल भी है। इन 19 वार्डो और अस्पताल में आठ सौ से अधिक बंदी जीवन गुजार रहे हैं। ऐसे में किसी एक बंदी में भी इस जानलेवा संक्रमण का लक्षण पाया गया तो यहां स्थिति भयावह हो सकती है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से प्रतिदिन बंदियों को लाया जा रहा है। बंदियों को एक वार्ड में चालीस से अधिक की संख्या में रखा जाता है। हालांकि जेल प्रशासन संक्रमण से बचने के लिए बंदियों को सैनिटाइजर और मास्क दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चार दिन पूर्व जेल में विशेष अदालत लगाकर 19 बंदियों को रिहा भी किया गया है। इसके बावजूद अभी 208 अधिक बंदी है।

बिना अधीक्षक व जेलर के चल रहा सेंट्रल जेल

17 जनवरी 2018 को गिरिडीह जेल को सेंट्रल जेल बनाया गया। करीब डेढ़ साल से अधिक समय से यह सेंट्रल जेल बिना अधीक्षक एवं जेलर के चल रहा है। 31अक्टूबर 2018 से जेल अधीक्षक का काम यहां प्रभार पर चल रहा है। फिलहाल कार्यपालक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार यहां जेल अधीक्षक के प्रभार में हैं जबकि सेंट्रल जेल के अधीक्षक का पद एडीएम स्तर के अधिकारी का है। एक जेलर व दो सहायक जेलर का पद स्वीकृत है जबकि यहां मात्र एक सहायक जेलर कोलेश्वर पासवान हैं। इस जेल में एक स्थायी डॉक्टर भी नहीं है। इधर प्रभारी जेल अधीक्षक धीरेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं। जेल अदालत में भी कुछ बंदियों को छोड़ा गया है। इसके बावजूद क्षमता से अधिक यहां बंदी हैं। कुछ बंदियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.