रेल टिकट कालाबाजारी का खुलासा, व्यवसाई गिरफ्तार
सरिया (गिरिडीह) हजारीबाग रोड आरपीएफ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार को र
सरिया (गिरिडीह) : हजारीबाग रोड आरपीएफ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार को रेलवे के काउंटर से टिकट की दलाली कर ऊंची कीमत पर बेचने के आरोप में चिचाकी बाजार स्थित प्रमोद किराना स्टोर के संचालक राजेश मंडल को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद उसे धनबाद रेल कोर्ट भेज दिया। वहां से अदालत के आदेश पर उसे धनबाद जेल भेज दिया।
आरपीएफ निरीक्षक पंकज कुमार ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति रेलवे काउंटर के वेटिग टिकट को एक गिरोह के माध्यम से लोगों से ऊंची कीमत लेकर कालाबाजारी कर रहा है। इसके बाद उक्त गिरोह के खुलासा को लेकर आरपीएफ की एक टीम बनाई गई और उक्त मामले की जांच शुरू की गई। टीम में शामिल एक अधिकारी ने उक्त किराना दुकान में छापेमारी कर संचालक को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो सारा राज खुलता गया। उक्त व्यक्ति धनबाद के बबलू एवं रोहित नामक व्यक्ति की मदद से धनबाद के पीआरएस काउंटर से टिकट निकलवाकर लोगों को प्रति टिकट दो हजार रुपये की दर पर बेचता था। टीम के अधिकारियों ने उक्त दुकान से आठ लोगों का मुंबई जाने का कंफर्म टिकट जब्त किया।
इस प्रकार हुआ मामले का खुलासा : रेलवे काउंटर से निकले वेटिग टिकट को रेलवे कर्मियों व दलालों की मदद से कंफर्म टिकट बनाने का खेल बहुत दिनों से संचालित होने की सूचना आरपीएफ को मिली थी, लेकिन साक्ष्य के अभाव में टीम के हाथ उन तक नहीं पहुंच पा रहे थे। इस गिरफ्तारी का श्रेय आरपीएफ इंस्पेक्टर की मानें तो सरिया थाना क्षेत्र के अंबाडीह निवासी बीरबल लालो सिंह प्रवासी मजदूर को है। उन्होंने भी ट्रेन में वेटिग टिकट की लंबी लिस्ट देखकर उक्त दुकान के संचालक राजेश मंडल से संपर्क किया। मुंबई जाने के लिए कंफर्म टिकट की लालच में चार लोगों के टिकट के लिए आठ हजार रुपये दिए गए लेकिन संयोग से उनका टिकट कंफर्म नहीं हो पाया। इसके बाद वे लोग परेशान हो गए और सोमवार को हजारीबाग रोड स्टेशन के टिकट काउंटर से वेटिग टिकट निकलवाने आए। इस दौरान उन्होंने कंफर्म टिकट के नाम पर मुद्रामोचन और टिकट दलाली की पूरी दास्तान आरपीएफ को बताई। इसके बाद इंस्पेक्टर पंकज कुमार की अगुवाई में तत्काल छापेमारी कर कार्रवाई की गई। इसमें कंफर्म टिकट के खेल का माजरा सामने आ गया। इस क्रम में उक्त दुकान पर एक और व्यक्ति से की गई पूछताछ में भी मामला सही पाया गया। उक्त व्यक्ति ने भी कंफर्म टिकट के लिए आठ हजार रुपये संचालक को देने की बात कही। इस बात को गिरफ्तार आरोपित युवक ने भी कबूल किया। उक्त मामले को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस खेल में रेलवे के बुकिग विभाग के कर्मी, दलाल एवं अन्य कई लोगों की संलिप्तता है।