सदर अस्पताल में कैदी वार्ड नहीं, सुरक्षाकर्मी परेशान
जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में एक अदद कैदी वार्ड की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। इसका खामियाजा बंदी मरीजों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को भी भुगतना पड़ रहा है।
गिरिडीह : जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में एक अदद कैदी वार्ड की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। इसका खामियाजा बंदी मरीजों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को भी भुगतना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि केंद्रीय कारा में अगर कोई विचाराधीन या सजायाफ्ता बंदी की तबीयत अधिक खराब हो जाती है तो उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जाता है। यहां अगर उसे भर्ती करने की बात आती है तो सुरक्षा कर्मी परेशान हो जाते हैं। उनका परेशान होना लाजिमी भी है, क्योंकि सदर अस्पताल में कैदी वार्ड नहीं होने के कारण बंदी को अन्य मरीजों के साथ सामान्य वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाता है। सामान्य वार्ड में अन्य मरीजों के परिजनों की आवाजाही से भीड़ होती है, जिसका फायदा उठाकर शातिर बंदी फरार होने का प्रयास कर सकता है। एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि पूर्व में यहां सदर अस्पताल में कैदी वार्ड था, जिसमें सिर्फ बंदियों को भर्ती किया जाता था। किसी कारण से वार्ड के कमरे का उपयोग दूसरे काम में किया जाने लगा।
बंदी की सुरक्षा में लगे एक कर्मी ने शनिवार को बताया कि सुरक्षा की दृष्टिकोण से अन्य सरकारी अस्पतालों की तरह यहां भी कैदी वार्ड होना चाहिए। सामान्य वार्ड में रात को महिलाएं भी रहती हैं। ऐसे में उस वार्ड में कैदी को रखना उचित नहीं है। बताया कि रातभर उसे खड़े रहना पड़ा, थोड़ा आराम करने का मन किया तो जमीन पर बैठ गए। उसने प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए सदर अस्पताल में कैदी वार्ड की मांग की है।