मोदी की हत्या की साजिश में नजरबंद वरवर राव नक्सलियों को देते रहे हैं खाद पानी
पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने के मामले में नजरबंद नक्सली कवि वरवर राव ने लंबे समय से गिरिडीह समेत पूरे झारखंड में माओवादियों को खाद एवं पानी देने का काम किया है।
गिरिडीह, दिलीप सिन्हा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के मामले में अपने घर में ही नजरबंद हैदराबाद के नक्सली कवि वरवर राव ने लंबे समय से गिरिडीह समेत पूरे झारखंड में माओवादियों को खाद एवं पानी देने का काम किया है। नक्सलबाड़ी आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर 20 अगस्त, 2017 को गिरिडीह शहर से सटे चतरो में वरवर राव ने नक्सलबाड़ी आंदोलन को खुला समर्थन देते हुए संसदीय लोकतंत्र को उखाड़ फेंकने के लिए सशस्त्र खूनी संघर्ष की वकालत की थी।
राव की इस सभा के बाद गिरिडीह पुलिस ने मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर विस्थापन विरोधी मंच के संयोजक दामोदर तुरी, मजदूर संगठन समिति के महामंत्री बच्चा सिंह समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस सभा के बाद ही झारखंड सरकार ने मजदूर संगठन समिति को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का सहयोगी संगठन करार देते हुए प्रतिबंधित कर दिया। वरवर राव के खिलाफ गिरिडीह पुलिस ने एक साल बाद भी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
पुलिस ने वरवर राव की उस सभा को लेकर दर्ज प्राथमिकी पर दर्जनभर नामजद एवं सात से आठ सौ अज्ञात आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया। लेकिन, उसमें भी वरवर राव का नाम शामिल नहीं किया गया है। पुलिस ने अभी जिन आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है उनमें दामोदर तुरी, बच्चा सिंह, प्रधान मुर्मू, राजन तुरी, राजेंद्र कोल्ह, रंजीत कुमार राय, दिलेश्वर कोल्ह, सहजाद अंसारी, मनोज टुडू, अमित यादव, तुलसी तुरी एवं कन्हाई पांडेय शामिल हैं। इनमें से कई आरोपित अदालत से जमानत पर बाहर निकल चुके हैं। हालांकि पुलिस ने अभी अपनी जांच पूरी नहीं की है, लेकिन वरवर राव के खिलाफ गिरिडीह पुलिस ने अभी तक न तो कोई प्राथमिकी ही दर्ज की है और न ही आरोप पत्र में उनका नाम शामिल किया है। हालांकि एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने घोषणा की थी कि कोई कितनी भी बड़ी हस्ती क्यों न हो, यदि संलिप्तता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
हैदराबाद के नक्सली कवि वरवर राव को महाराष्ट्र पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के मामले में उनके घर में ही नजरबंद रखा है। उनकी गिरफ्तारी का फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा। खुफिया एजेंसियां उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में लगी हैं।
गौरतलब है कि वरवर राव लंबे समय से झारखंड आकर माओवादियों के आंदोलन को बल देते रहे हैं। नक्सलियों के खुले संगठन नारी मुक्ति संघ, झारखंड मुक्ति मंच, मजदूर संगठन समिति के कार्यक्रमों में वह गिरिडीह, धनबाद, रांची आदि शहरों में शिरकत करते रहे हैं। इन सभाओं में वह खुलकर नक्सलियों का समर्थन करते रहे हैं। हालांकि इन सभी संगठनों को सरकार ने अब नक्सली संगठन करार देकर प्रतिबंधित कर दिया है।