व्यवस्था की गोद से फिसल गया विकास
गिरिडीह : सर्वागीण विकास के लिए आठ माह पूर्व गिरिडीह की चपुआडीह पंचायत को जिला ग्रामीण
गिरिडीह : सर्वागीण विकास के लिए आठ माह पूर्व गिरिडीह की चपुआडीह पंचायत को जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के निदेशक ने गोद लिया था। फिर ग्रामीणों संग बैठक कर विकास की रूपरेखा तैयार की गई। लेकिन विकास का खाका खींचने के बाद फिर गोद लिए गए इस पंचायत की ओर किसी ने पलटकर नहीं देखा। इस साहब का स्थानांतरण हो गया। इस तरह सिस्टम यानी व्यवस्था की गोद से विकास फिसल गया और ग्रामीणों में सुविधाओं की आस पूरी नहीं हुई।
समस्याओं का दंश झेल रही चपुआडीह पंचायत के गांवों की स्थिति बदतर है। समस्याएं विकास की बात करनेवालों को मुंह चिढ़ा रही है। चपुआडीह पंचायत जिला मुख्यालय से महज 21 किलोमीटर की दूरी पर बेंगाबाद प्रखंड़ क्षेत्र में गिरिडीह-देवघर जानेवाले मुख्य पथ पर स्थित है। फिर भी यहां का मुख्य पथ खस्ताहाल है। यहां आज भी लोगों को हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ता है। गांवों के लोगों को आज भी पीने का शुद्ध पानी नसीब नहीं है। किसानों को ¨सचाई का पर्याप्त साधन भी मयस्सर नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने आठ माह पहले निदेशक के सामने गांवों में डीप बो¨रग कराकर पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने पर जोर दिया था। आश्वासन भी दिया गया था लेकिन आज भी पानी के लिए लोग पानी-पानी हो रहे हैं। डुमरजोर के अलावा दुबराजपुर, सोबराजपुर, मुंडहरी समेत अन्य गांवों को मुख्य पथ से जोड़नेवाली संपर्क सड़क काफी जर्जर हो गई है। तालाबों का जीर्णोद्धार भी नहीं कराया गया। ये तालाब बरसाती तालाब बनकर रह गए हैं। यहां के विद्यालयों में भवन व शिक्षकों की घोर कमी है। स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन बेकार पड़ा है। इस केंद्र में ताला लटक रहा है जो इसके खुद बीमार रहने की दास्तां कह रहा है। गांवों में मिनी आंगनबाड़ी केंद्र की भी समस्या बरकरार है।
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पंचायत की स्थिति
पंचायत की आबादी : 7200, मतदाता : 5200
राजस्व गांव: बिशनपुर, चपुआडीह, डुमरजोर, मुंडहरी, बुचा नावाडीह, नावाडीह, फुचो, सोबराजपुर, दुबराजपुर व बिराजपुर। बुचानावाडीह, नावाडीह व विशुनपुर को मंडाडीह में मर्ज किया गया।
बुनियादी सुविधा: मिडिल स्कूल दो व हाई स्कूल एक , आंगनबाड़ी छह, स्वास्थ्य उपकेंद्र एक और पीडीएस
पंचायत प्रतिनिधि- मुखिया मो शमीम, पंचायत समिति सदस्य में देवदत्त यादव व अयोध्या देवी, वार्ड सदस्यों में 13 सावित्री देवी, सुमित्रा देवी, रामदेव तुरी, शहनाज खातून, रामबिजेश ¨सह, ¨पकी देवी, बालेश्वर दास, अकबर अंसारी, सीता हेंब्रम, शमां परवीन, राजेश टुडू व जागेश्वर गोप। पंचायत सचिव के पद पर तैयब अंसारी कार्यरत हैं।
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- उम्मीदों पर फिरा पानी, समस्याएं बरकरार
गांव में मुख्य रूप से सड़क व स्वास्थ्य के साथ-साथ शुद्ध पेयजल की समस्या आज भी बरकरार है। इसके निराकरण करने की बात तो की गई थी लेकिन उसका समाधान अब तक नहीं हो पाया है। पंचायत को आदर्श बनाने को लेकर निदेशक ने इसे गोद लिया था। विकास होने की आस जगी थी लेकिन आठ माह बीत जाने पर भी कुछ विकास कार्य नहीं हुआ जिससे गांव के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
मो. ग्यासुद्दीन, ग्रामीण, बुचानावाडीह।
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गांवों के विकास को लेकर चपुआडीह पंचायत को डीआरडीए निदेशक ने गोद लिया था लेकिन वह विकास उनकी गोद से भटक गया और ग्रामीण विकास की बाट जोहते रह गए। आठ माह बीत जाने के बाद इस पंचायत में विकास एक कदम भी नहीं हो सका। आज भी लोग पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा से महरूम हैं।
शिबु मुर्मू, ग्रामीण दुबराजपुर।
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हालांकि पंचायत स्तर से होनेवाली विकास योजनाओं से गांवों का हरसंभव विकास कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, ¨सचाई व पथ के अलावे अन्य समस्याएं व्याप्त हैं जिसके समाधान की उम्मीद लोगों में निदेशक के गोद लेने से जगी थी लेकिन कोई काम नहीं हो सका। वैसे निदेशक ने व्यक्तिगत रूचि दिखाते हुए विशुनपुर में जले ट्रांसफार्मर को बदलवाने का काम किया है।
मो शमीम, मुखिया, चपुआडीह पंचायत।