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मानसून ने दिया धोखा, रहना पड़ेगा भूखा

संवाद सहयोगी, पीरटांड़/झारखंडधाम (गिरिडीह): पर्याप्त बारिश नहीं होने से धान के पौधे पीले पड़

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 12:44 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 12:44 AM (IST)
मानसून ने दिया धोखा, रहना पड़ेगा भूखा

संवाद सहयोगी, पीरटांड़/झारखंडधाम (गिरिडीह): पर्याप्त बारिश नहीं होने से धान के पौधे पीले पड़ गए। फसल की हालत देख किसानों की आंखे नम हैं। कहते हैं-मानसून ने इस बार यहां के किसानों को धोखा दिया है। इस कारण भुखमरी की स्थिति बन सकती है। ऐसे में खेती से किसानों की आय को दोगुना करने का सरकारी सपना पूरा होना संभव नहीं है।

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दरअसल, बारिश के अभाव में पीरटांड़, झारखंडधाम समेत जिलेभर में धान की फसल सूखने लगे हैं। यहां सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। इस प्रखंड के पालगंज, कुम्हरलालो, नावाडीह, परतापुर आदि इलाकों में धान के पौधे मरने लगे हैं। मुकेश माली, सहदेव माली, ¨बदेश्वर ¨सह, कैलाश माली, मुंशी ¨सह आदि ने बताया कि चार साल पूर्व भी धान मरे थे। यहां का कृषि विभाग केवल जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने तक ही सिमटा है। किसानों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिल पा रही है। विभाग तत्काल एक दो दिनों में पटवन की व्यवस्था करे। प्रखंड के कृषि तकनीकी प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि धान के पौधों को सूखे से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिन लोगों ने बीमा करवाया हैं उन्हें मुआवजा मिलेगा।

झारखंडधाम प्रखंड की भी यही स्थिति है। कुछ जगहों पर किसान कुएं, नदी जलाशय से पं¨पग सेट के माध्यम से पटवन कर उसकी सुरक्षा कर रहे हैं। मगर, जहां पर ऐसी व्यवस्था उपलब्ध नहीं है वहां पौधे को बचाना मुश्किल हो रहा है। किसानों ने खेती के लिए महाजनों से पैसे लिए थे। धान नहीं उपजेगा को लौटाना मुश्किल होगा। भोला महतो, डीलो महतो, लखन महतो, पुतुल ¨सह, भोला दास, सोमर पंडित, खीरू महतो, भरत गिरि आदि किसानों ने ¨सचाई की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग सरकार से की है।


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