मनरेगा कर्मी सरकार के पत्र से डरनेवाले नहीं
गिरिडीह मनरेगा कर्मियों को डराने धमकाने के लिए सरकार की ओर से जो पत्र निकाला जा र
गिरिडीह : मनरेगा कर्मियों को डराने धमकाने के लिए सरकार की ओर से जो पत्र निकाला जा रहा है उससे मनरेगा कर्मी डरनेवाले नहीं हैं। मांगों की प्राप्ति होने तक हमें एकजुटता के साथ डटकर मुकाबला करना है। यह बातें शनिवार को सोनबाद पंचायत सचिवालय में आयोजित अनुमंडल स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मनरेगा कर्मचारी संघ के सचिव टहल दास ने कही। बैठक की अध्यक्षता कर रहे मनरेगा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विनोद विश्वकर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि इस कोविड-19 के सभी आदेशों व निर्देशों का पालन करते हुए संवैधानिक तरीके से हड़ताल की गई है। इसी क्रम में 22 से 28 जून तक काला बिल्ला लगाकर कार्य किया गया। दो जुलाई को ग्रामीण विकास मंत्री ने वार्ता के दौरान पंद्रह दिनों के अंदर मनरेगा कर्मियों की उचित मांगों पर विचार किया जाएगा। लेकिन की ओर से किसी तरह का विचार नहीं किया जा रहा है। मौके पर अनुमंडलीय प्रभारी आशुतोष वर्मा ने कहा कि जिस उम्मीद के साथ इस सरकार को सत्ता में लाए लेकिन इस सरकार से भी निराशा ही हाथ लग रही है।
देवरी के बीपीओ विनय कुमार ने कहा कि जो काम पांच हजार मनरेगा कर्मी करते थे, उसे पूरा करने के लिए पचास हजार कर्मियों को लगाया गया है बावजूद इसके सभी मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है।
बैठक में गांडेय, बेंगाबाद, गिरिडीह के प्रखंड अध्यक्षों ने भी अपने-अपने विचार रखे, जबकि मौके पर सुरेश चौधरी, रामकिशोर वर्मा, नवीन कुमार, मुस्ताक अहमद, तबारक हुसैन, तौहिद, नवीन कुमार, अनिल राम, भीखदेव पासवान, रूपलाल दास आदि उपस्थित थे।