कवि गोष्ठी व मुशायरों में शहीदों को किया याद
गिरिडीह गणतंत्र दिवस के मौके पर गिरिडीह शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से कवि गोष्ठ
गिरिडीह : गणतंत्र दिवस के मौके पर गिरिडीह शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से कवि गोष्ठी व मुशायरा का आयोजन किया गया। जहां शेरो-शायरी व कविता के माध्यम से देश के महापुरूषों को श्रद्धांजलि दी गई। जिले की प्रसिद्ध साहित्य संस्था बजम-ए-अदब के बैनर तले इस वर्ष भी शानदार मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन कोलडीहा स्थित अंसार विवाह भवन में किया गया। इसमें झारखंड एवं बंगाल के ऑल इंडिया में चर्चित कवियों एवं कवियत्री शामिल हुए। अब्दुल मजीद ने अध्यक्षता की एवं आसनसोल से आए परवेज कासमी ने संचालन किया। सभी ने बारी-बारी से कविता के माध्यम से अपने देश भक्ति की भावनाओं को व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रोशन हबीबा रोशनी, फरीदा अंजुम, कलीम उद्दीन गौहर, अकबर अली अकबर, मास्टर मो.अखतर अंसारी, मोबारक हुसैन काविश, रेयाज अहमद फैसल, नजामउद्दीन जहुरी, अब्दुस समद सरशार, सलीम प्रवाज, रेयाज शम्स, मिन्हाज शजर, मो. जावेद, इकरामुल हक वली, बी अगस्त क्रांति, महेश अमन, अंसार कौनेन ने एक से बढ़कर एक देशभक्ति गजल एवं कविता सुना कर भाईचारा एवं देश के प्रति देशवासियों को प्रेम करने का संदेश देकर श्रोताओं का मनोरंजन किया।
दूसरी ओर फरोग-ए-अदब गिरिडीह झारखंड के बैनर तले बरवाडीह में हाजी जमील अख्तर गुल ने ध्वजारोहण किया। इसके बाद मुशायरा व कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जमील वारसी ने की और मंच संचालन मशहूर शायर सरफराज चांद ने किया। मुशायरा में बतौर मुख्य अतिथि इरशाद अहमद वारिस, असदुल्लाह, नदीम अख्तर आदि उपस्थित थे। यहां मोइनुद्दीन शम्सी, मौलाना रउफ रौनक, कैसर इमाम कैसर, तस्ब्बुर वारसी, राजेश पाठक, महेश अमन, बसंत कुमार, रशीद जमील, ताहा हुसैन ताहा, जावेद हुसैन जावेद, बी अगस्त क्रांति, अविनाश पंडित, आयोजक मुख्तार हुसैनी ने कविता पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में हाजी अनीस और बिलाल हुसैनी का भरपूर सहयोग रहा। वहीं गिरिडीह के बड़ा चौक स्थित उर्दू लाइब्रेरी में हल्का-ए-शेरो अदब की ओर से काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता आदिल वारसी ने की। यहां मसकूर आलम, इफ्तेखार असर, विशाल पंडित, मोनुद्दीन शम्सी, हलीम असद, रसीद जमील, परवेज शीतल, गिरिडीह कॉलेज के उर्दू के व्याख्याता प्रो. समदानी, आर के महिला कॉलेज के हिदी के व्याख्याता रंगकर्मी महेश अमन, कलीम साजिद, मोशर्रफ कलीम आदि ने अपने कलाम व कविताएं पढ़ी।