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भू-धंसान से बढ़ रहा खतरा, अब अस्पताल पर संकट

जागरण संवाददाता गिरिडीह सीसीएल बनियाडीह इलाके में भू-धंसान का खतरा बढ़ता ही जा रहा

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 07:12 PM (IST)
भू-धंसान से बढ़ रहा खतरा, अब अस्पताल पर संकट

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : सीसीएल बनियाडीह इलाके में भू-धंसान का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पानी टंकी के निकट हुए भू-धंसान से प्रबंधन अभी निपटा भी नहीं था कि रविवार को सीसीएल का अस्पताल भी इसके घेरे में आ गया। लंकास्टर हॉस्पिटल के पीछे रविवार को एक बार फिर भू-धंसान की घटना घटी है। इसी जगह सीसीएल की पानी टंकी भी है। इससे पहले गुरुवार को भी पानी टंकी के पास ही भू-धंसान की घटना हुई थी। रविवार को हुई भू-धंसान की घटना में सीसीएल लंकास्टर अस्पताल की चहारदीवारी भी गिर गई है।

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लगातार हो रही भू-धंसान की घटना के बाद क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं। साथ ही लोगों में सीसीएल प्रबंधन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भू-धंसान के मूल कारणों पर ध्यान नहीं देने का आरोप प्रबंधन पर लोग लगा रहे हैं। स्थानीय लोगों को अब यह डर सता रहा है कि आगे चलकर कहीं पानी टंकी जमींदोज न हो जाए। अगर पानी टंकी भू-धंसान की जद में आया तो तीन हजार से अधिक की आबादी को जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के बीच गुरुवार की दोपहर अचानक आवाज के साथ धंसान हो गया था। इसके बाद रविवार सुबह को भी देखा गया कि अस्पताल के ठीक पीछे की चहारदीवारी गिर गई है और जमीन भी धंस गई है। लोगों ने यह भी बताया कि जिस स्थान पर जमीन धंसने की घटना हुई है, उस इलाके में कोयला का अवैध खनन वर्षों से चलता आ रहा है। इस अवैध खनन के कारण सीसीएल के अस्पताल और आसपास के क्वार्टर में दरार भी आ चुकी है। लोगों ने कहा कि कोयला के अवैध खनन के कारण पानी टंकी और अस्पताल जमींदोज हो सकता है, लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है, इसे लेकर कई बार शिकायत भी की गई है। सीसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के आसपास के इलाकों को भी कोयला तस्करों ने नहीं छोड़ा है। अवैध खंता चलाकर भू-धंसान को आमंत्रण दे रहा है।

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भू-धंसान व भूमिगत आग पर पाएं काबू : एनपी सिंह

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : वरिष्ठ इंटक नेता एनपी सिंह बुल्लू ने कहा है कि भूमिगत आग एवं भू-धंसान से सीसीएल के गिरिडीह एरिया को भारी नुकसान हो रहा है। इन दोनों खतरों से यदि तत्काल नहीं निपटा गया तो स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाएगी। दोनों ही खतरों का मूल कारण अवैध कोयला खनन है। तस्कर खंता बनाकर कोयला उत्खनन करते हैं। इस कारण नीचे खोखला हो गया है। भूमिगत आग भी बनियाडीह की ओर बढ़ रहा है। भू-धंसान वाले इलाकों में यह फैल जाएगा। कंपनी को इसके लिए तुरंत ट्रेंच कटिग करना चाहिए। इस संबंध में प्रबंधन को इंटक ने बराबर आगाह किया है। अवैध कोयला उत्खनन रोकने के लिए भी प्रबंधन पर दबाव बनाते रहे हैं।


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