दिल्ली के चालक की मौत का खुलासा, शराब पीकर एंबुलेंस में सोया था वह
संवाद सहयोगी सरिया सरिया थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले एंबुलेंस चालक मो. शक
संवाद सहयोगी, सरिया: सरिया थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले एंबुलेंस चालक मो. शकील के सहयोगी एंबुलेंस चालक सहदेव राम ने दिल्ली से कोलकाता होते हुए सरिया आने की पूरी कहानी दैनिक जागरण से साझा की है। शकील की मौत होने की सूचना पर वह सरिया थाना पहुंचा था। पुलिस ने एंबुलेंस भी बरामद कर ली है।
सहदेव राम ने बताया कि वह सरिया थाना क्षेत्र के बागोडीह गांव का मूल निवासी है। दिल्ली में एंबुलेंस चलाकर परिवार का भरण पोषण करता है। फोर्टिस अस्पताल दिल्ली में कोलकाता के खिदिरपुर निवासी एक दिव्यांग युवक की मौत दो दिन पूर्व हो गई। एंबुलेंस मालिक ने युवक का शव खिदिरपुर पहुंचाने का निर्देश दिया था। लंबी दूरी के कारण साथ में चालक मो. शकील भी आया। शव को दोनों ने खिदिरपुर पहुंचाया। परिजनों ने किराये के तौर पर 18 हजार रुपये दिए। वहां से वापसी के क्रम में रास्ते में ही शकील ने शराब पीने की जिद की। बावजूद उसे हमने टाल दिया। आसनसोल के पास यातायात नियमों की अनदेखी के कारण बंगाल पुलिस ने एक हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। वहां से चलकर रात करीब 11 बजे हम दोनों बागोडीह पहुंचे। वहां हमारा घर है। थकान मिटाने के लिए शराब पी ली। शराब पीने के बाद दरवाजे पर खड़ी एंबुलेंस में ही शकील कंबल ओढ़कर सो गया। एंबुलेंस में उसे 16 हजार रुपये, अपना ड्राइ¨वग लाइसेंस एक रुमाल में बांधकर दे दिया। फिर हम अपने कमरे में सोने गए। उसे सोया समझकर आठ बजे सुबह तक एंबुलेंस की ओर हम या हमारे परिवार का कोई सदस्य नहीं गया। आठ बजे के बाद देखा कि वह एंबुलेंस में नहीं था। रुपये व पहचान पत्र भी एंबुलेंस में नहीं थे। इस दौरान पता चला कि शकील नशे की हालत में सुबह करीब तीन बजे उठकर दूसरे गांव में पहुंच गया था। दरअसल वह रास्ता भटक गया था। दूसरे प्रांत की भाषा बोलने के कारण लोगों ने उसे चोर व असामाजिक तत्व समझकर पीट दिया। बाद में उसके थाना में फांसी लगाने की सूचना मिली।