तालिबान से हुलास व प्रसादी की रिहाई के बाद घर लौटेगा प्रकाश
तालिबान के कब्जे से बगोदर के प्रसादी महतो एवं हुलास महतो की रिहाई के बाद ही प्रकाश महतो अपने बगोदर स्थित घर लौटेगा।
गिरिडीह : तालिबान के कब्जे से बगोदर के प्रसादी महतो एवं हुलास महतो की रिहाई के बाद ही प्रकाश महतो अपने बगोदर स्थित घर लौटेगा। करीब सात महीने तक अपने बेटे प्रकाश महतो के साथ भूटान में रहकर अपने घर बगोदर के घाघरा लौटे जेठू महतो ने शुक्रवार को दैनिक जागरण से बातचीत में यह खुलासा किया है। जेठू महतो बीती रात अपनी पत्नी, प्रकाश की पत्नी चमेली देवी एवं उसके दोनों बच्चों के साथ घर लौटा है। सूचना मिलते ही सुबह में प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली जेठू महतो से उनके घर जाकर मिले और पूरी जानकारी ली।
जेठू महतो ने दैनिक जागरण को बताया कि प्रकाश सकुशल है और केईसी इंटरनेशनल कंपनी में काम कर रहा है। घर नहीं लौटने के बारे में बताया कि उनके चचेरे भाई प्रसादी महतो एवं माहुरी गांव के हुलास महतो अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं। ऐसे में यदि सिर्फ प्रकाश महतो घर लौटता है तो दूसरे परिवारों में गलत संदेश जा सकता है। इस कारण कंपनी की इच्छा है कि तीनों को एक साथ घर भेजा जाए। उन्होंने बताया कि वे एवं उनका परिवार प्रकाश के साथ सात महीने रहा। कंपनी की ओर से सभी सुविधाएं दी गई थी।
अफगानिस्तान के बघलान प्रांत में भारतीय कंपनी केईसी में कार्यरत दो इंजीनियर समेत सात भारतीय मजदूरों व एक अफगानी चालक को तालिबान ने 6 मई 2018 को अगवा कर लिया था। अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता वार्ता के दौरान उनमें से सबसे पहले प्रकाश महतो को 17 मार्च 2019 को रिहा कर दिया गया था। अभी कुछ दिन पूर्व अगवा किए गए भारतीयों में से तीन और मजदूरों को छोड़ा गया है। इनमें हजारीबाग का काली महतो शामिल है।
रिहाई के बाद प्रकाश महतो को कंपनी के अधिकारी लेकर दिल्ली लौटे थे। कंपनी ने प्रकाश महतो से मिलने के लिए पूरे परिवार को दिल्ली बुलाया था। इसके बाद प्रकाश के माता-पिता, पत्नी चमेली देवी एवं 12 साल की बेटी गायित्री व 8 साल के बेटे निर्मल एक साथ घर से 27 मार्च 2019 को दिल्ली के लिए निकले थे। तब से आज तक न तो प्रकाश घर लौटा है और न ही दिल्ली के लिए निकले परिवार के अन्य सदस्य। ये लोग कहां हैं यह भी पता नहीं चल सका था।
परेशान होकर प्रकाश के भाई उमेश कुमार महतो ने पांच जून को कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। इस बीच प्रकाश महतो के भाई उमेश महतो ने दैनिक जागरण से बातचीत में स्वीकार किया था कि उसकी बातचीत भाई प्रकाश, पिता जेठू महतो से मोबाइल पर होती है। दोनों ने बताया था कि वे लोग भूटान में पूरे परिवार के साथ हैं।