गौरव की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
गौरव की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
गौरव की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
संवाद सहयोगी, जमुआ (गिरिडीह) : जमुआ के गांडो गांव में 21 अप्रैल की रात में हुई गौरव तिवारी उर्फ गोलू की मौत के मामले की गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी हुई है। गौरव की हत्या हुई थी या उसने आत्महत्या की, यह पता लगाना पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। मौत के बाद शव को बिना पोस्टमार्टम के जला दिया गया था। इस कारण पुलिस की परेशानी बढ़ी है। गौरव के भाई सौरव तिवारी इंसाफ की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक अमित रेणु से मिले। एसपी को आवेदन देकर उन्होंने कहा है कि केस उठाने के लिए फोन पर उन्हें अपने एक रिश्तेदार से धमकी मिली है। उसकी रिकार्डिंग उन्होंने दी।
इधर, शुक्रवार को जमुआ थाना में मामले के अनुसंधानकर्ता एसआइ सुमंत प्रसाद ने सौरव तिवारी और उसकी मां का बयान लिया। घटना के बारे में अन्य जानकारियां भी इन लोगों से ली गई। सौरव ने अपने दादा ग्रीन तिवारी, पिता दिलीप तिवारी, चाचा पप्पू तिवारी, डाक्टर तिवारी, उदय तिवारी, गौतम तिवारी, विक्की तिवारी और कन्हैया तिवारी सहित अपने अन्य रिश्तेदारों पर अपने भाई की हत्या करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पुलिस को बताया कि सभी आरोपितों ने मिलकर भाई गौरव तिवारी को मार डाला और लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से उसे पंखे से लटका दिया। बाद में अर्ध रात्रि में साजिश के तहत इनलोगों के अलावा उसके फूफा बरकट्ठा बेलकप्पी के मोहन तिवारी, दूसरे फूफा धनबाद बैंक मोड़ के सुरेश तिवारी, गिरिडीह हांडाडीह के सुभाकर तिवारी, उसके पिता के मामा लक्ष्मी तिवारी ने एकराय होकर छोटे भाई के शव को गांव के किनारे स्थित नदी के पास जला दिया। उन्हें और उनकी मां को फोन पर भी सूचना देना जरूरी नहीं समझा।
इधर आरोपी दादा ग्रीन तिवारी का कहना है कि पोता गौरव ने इसलिए आत्महत्या की कि उसे अपनी बहन की शादी में शामिल होने उसकी मां और भाई ने नहीं बुलाया था। उनलोगों को बेवजह फंसाया जा रहा है। एक ही रात को गौरव की बहन व बुआ की शादी थी। गौरव बुआ की शादी में गांडो में था। सौरभ अपनी मां के साथ मामा घर बोकारो के पेटरवार में रहता है। वहीं गौरव की बहन की शादी हो रही थी।