धड़ल्ले से हो रहा बालू का अवैध उठाव, प्रशासन मौन
डुमरी एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी घाटों से बालू उठाव पर रोक लगा दी है। इसके
डुमरी : एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी घाटों से बालू उठाव पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद डुमरी प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित इलाका उतराखंड के नुरंगो घाट व अरवाटांड़ घाट, जमुनिया घाट, डुमरचुटियो घाट, उतरवाहिनी घाट आदि जगहों से बालू का काला कारोबार पूरे परवान पर है। धड़ल्ले से बालू का उठाव किया जा रहा है। बालू के अवैध कारोबार में शामिल चंद लोग मालामाल हो रहे हैं, वहीं सरकार को प्रतिदिन राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन इस काले कारोबार को रोकने की कोई पहल प्रशासन की ओर से नहीं की जा रही है, जिस कारण अवैध धंधे में शामिल लोगों का मनोबल बढ़ गया है। तस्कर दिन दहाड़े व रात के अंधेरे में या अहले सुबह बराकर तथा जमुनिया नदी के विभिन्न घाटों से बालू का उठाव अनवरत कर रहे हैं, जिसे चोर रास्ते तुईयो होते हुए आपूर्ति स्थान तक भेजा जाता है। इस धंधे में शामिल लोगों को प्रशासन का तनिक भी भय नहीं है।
बताते हैं कि यमुनिया नदी के घाटों के बालू को अरगाघाट सहित विभिन्न चोर रास्तों से निकाला जा रहा है, वहीं बराकर नदी से बालू को उत्तराखंड के रास्ते केबी रोड होते हुए आपूर्ति स्थान तक भेजा जाता है। जानकारी के अनुसार हर दिन इन नदियों से लगभग तीन सौ ट्रैक्टर बालू लोडकर डुमरी प्रखंड के दोनों थाना क्षेत्रों के निर्धारित स्थानों तक पहुंचाया जाता है। एक ट्रैक्टर बालू की कीमत दूरी के अनुरूप ढाई से तीन हजार रुपये तक वसूला जाता है। प्रखंड के डुमरी एवं निमियाघाट थाना क्षेत्र के विभिन्न बालू घाटों से अहले सुबह से ही ट्रैक्टरों के माध्यम से बालू उठाव किया जाता है, जिसमें कई बालू घाट तो अवैध भी हैं। स्थानीय प्रशासन कार्रवाई के नाम पर कभी कभार दो चार बालू लदे ट्रैक्टरों को अवश्य ही पकड़ कर कोरम पूरा कर रहा है।
झामुमो नेता कारी बरकत अली ने कहा कि सरकार के राजस्व का हनन किया जा रहा है। इस पर अधिकारियों को अंकुश लगाने के लिए पहल करनी चाहिए। झामुमो प्रखंड अध्यक्ष निरंजन महतो ने कहा कि बालू मफियाओं का विरोध करते हैं। बालू के उठाव पर रोक लगाने के लिए जिला खनन पदाधिकारी को पहल करनी चाहिए। अन्यथा झामुमो बालू खनन रोकने को ले चरणबद्ध आंदोलन करेगा। झामुमो के प्रखंड प्रवक्ता कैलाश चौधरी ने कहा कि अवैध तरीके से बालू का उठाव हो रहा है, जिससे सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है। कहीं न कहीं प्रशासन की नाक के नीचे सैकड़ों ट्रैक्टर गुजरते हैं, लेकिन प्रसाशन मौन है। इस पर प्रशासन रोक लगाए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा। मजिस्ट्रेट मन्नान केरकेट्टा ने कहा कि इस बात की जानकारी मिली है। वाहन व सुरक्षा का अभाव है, जिस कारण दिक्कतें आ रही हैं। वहीं जल्द ही छापेमारी की जाएगी।