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एक FIR ने खोली मानव तस्करी की पोल, नाबालिग सहित 12 आरोपित गिरफ्तार; यूपी, बिहार और राजस्थान में था कारोबार

झारखंड के गिरीडीह में 12 अंतरराज्यीय मानव तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है। सभी आरोपित पैसों का लालच देकर नाबालिग बच्चियों को शादी कराने के लिए बेच देते थे। इनका कारोबार यूपी बिहार झारखंड राजस्थान और मध्यप्रदेश तक भर में फैला था।

By Prabhat Kumar SinhaEdited By: Published: Sun, 02 Oct 2022 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 01:09 AM (IST)
एक FIR ने खोली मानव तस्करी की पोल, नाबालिग सहित 12 आरोपित गिरफ्तार; यूपी, बिहार और राजस्थान में था कारोबार
मानव तस्करी करने वाले 12 आरोपित गिरफ्तार।

गिरीडीह, जागरण संवाददाता। पैसे का लालच देकर नाबालिग बच्चियों को शादी के लिए बेचने वाले अंतरराज्यीय मानव तस्करी (Human Trafficking) गिरोह के 12 सदस्य पकड़े गए हैं। सबको रविवार को जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपितों में एक नाबालिग भी शामिल है। उसे बाल सुधारगृह हजारीबाग भेजा गया है। यह जानकारी पचंबा थाना में मुख्यालय सहायक पुलिस अधीक्षक हारिश बिन जमां ने दी।

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एएसपी ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों से नाबालिग बच्चियों को पैसे का लालच देकर बाहर ले जाया जाता था। अंतरराज्यीय गिरोह की मिलीभगत से उसे शादी के लिए मोटी रकम लेकर बेच दिया जाता था। इस गिरोह में झारखंड के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान का गिरोह शामिल है। एएसपी ने बताया कि पचंबा थाना क्षेत्र की रहने वाली 45 वर्षीय ने अपनी नाबालिग बेटी का अपहरण कर लेने से संबंधित एक आवेदन देकर 14 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

एक एफआइआर ने खोल दी मानव तस्करी की पोल

इसमें उसने कहा था कि उनकी पुत्री का अपहरण पांच जुलाई को उसी के प्रधानाध्यापक सतीश कुमार शर्मा के लखारी स्थित आवास से हो गया है। उसने सतीश शर्मा के घर में किराए पर रहने वाली मीना देवी और उसकी नाबालिग बेटी पर अपहरण की आशंका जताई थी। इसके बाद एसपी अमित रेणु के निर्देश पर एक विशेष टीम बनी।

पुलिस जांच में पता चला कि मीना देवी अपनी पुत्री समेत अन्य सहयोगियों के साथ शहर के मीर होटल में ठहरी है और किसी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। इसी सूचना पर पुलिस की टीम ने वहां छापेमारी की और मीना देवी, उसकी नाबालिग पुत्री के अलावा ललिता कुमारी, भोला कुमार उर्फ भोला दास को गिरफ्तार किया।

एएसपी के मुताबिक पूछताछ में भोला ने बताया कि अपह्रत नाबालिग को गया जिले में शंकर चौधरी से संपर्क कर राजस्थान में बेच दिया गया है, लेकिन शंकर द्वारा तय रकम नहीं मिलने के बाद ललिता और अन्य उसे वापस राजस्थान से लाकर दूसरी जगह बेचने के लिए बिहार के गया में ही छिपाकर रखे हुए थे। 

यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार में चलता था कारोबार

वहीं शशांगबेड़ा की एक नाबालिग को पैसे का प्रलोभन देकर यहां लाए थे। उसे खरीदने के लिए कुछ लोग यहां होटल में आने वाले थे, लेकिन शुक्रवार पुलिस की छापेमारी के कारण दबोच लिए गए। पचंबा थाने की पुलिस ने शनिवार को नाबालिग पीड़िता को गया से बरामद कर लिया।

पूछताछ में पीड़िता ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी। उसके आधार पर इस गिरोह के अन्य सदस्यों को दबोचने के लिए टीम छोपमारी में जुटी है। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपितों में 45 वर्षीय मीना देवी, 35 वर्षीय गोविंद साव, बिहार के गया की 24 वर्षीय ललिता देवी, 19 वर्षीय भोला कुमार उर्फ भोला दास, गया जिला का 33 वर्षीय शंकर चौधरी, मध्य प्रदेश के नीमच जिले का 24 वर्षीय संदीप शर्मा, 44 वर्षीय राजू शर्मा शामिल हैं।

इनके अलावा 29 वर्षीय मुकेश गुज्जर, 36 वर्षीय हेमंत शर्मा, राजस्थान के उदयपुर जिले का 34 वर्षीय दलिचंद शर्मा और प्रतापगढ़ जिले का 38 वर्षीय दिनेश शर्मा शामिल है। गिरफ्तार आरोपितों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।  


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