कोरोना से जंग को हाई अलर्ट, धरना-प्रदर्शन पर भी रोक
कोरोना वायरस को लेकर पूरा जिला प्रशासन हाई अलर्ट हो गया है। इसके प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए कई स्तरों पर काम हो रहा है।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : कोरोना वायरस को लेकर पूरा जिला प्रशासन हाई अलर्ट हो गया है। इसके प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए कई स्तरों पर काम हो रहा है। सभी सरकारी, गैर सरकारी, समितियों की सेमिनार, बैठक एवं सभा पर रोक लगा दी गई है। सभी तरह क धरना, प्रदर्शन, सभा एवं जुलूस के आयोजन पर 14 अप्रैल तक के लिए प्रशासन ने रोक लगा दिया है।
उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने इसके क्रियान्वयन के लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी है। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टेशन की साफ-सफाई एवं बस स्टेशन पर हेल्प डेस्क खोलने कहा गया है। धार्मिक स्थलों की सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं। लंगर के आयोजन पर भी रोक लग गया है। पर्यटन स्थलों व पार्कों को बंद कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। मास्क व सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत लाया गया है। इसकी कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इधर इस सख्ती के बावजूद कई जगहों पर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। स्कूलों में परीक्षा हुई।
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डरें नहीं, एहतियात बरतें व स्वच्छता पर ध्यान दें : सिविल सर्जन
जासं,गिरिडीह : समाहरणालय कक्ष में सिविल सर्जन अवधेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम से संबंधित कार्यशाला का आयोजन गुूरुवार को किया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि पर्सनल हाइजीन, सोशल डिस्टेंस एवं अनावश्यक भीड़ का हिस्सा बनने से लोग बचें। बाहर से आए व्यक्ति के संपर्क में आने के पश्चात अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार हो और सांस लेने में परेशानी होती है तो उसे तुरंत इलाज शुरू कराना चाहिए। इससे घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। इसमें एहतिहात बरतना और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है जहां सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। चिकित्साकर्मियों व पाराकर्मियों को इससे संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। प्रजेंटेशन के माध्यम से डॉ. दीपक सिंह ने बताया कि बुखार, सुखी खांसी, सांस लेने में परेशानी ये सभी इसके प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोग या तो बाहरी हैं या बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण का शिकार हुए हैं। संक्रमित व्यक्ति को 14 दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा एवं उनका इलाज शुरू किया जाएगा।
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सभी को मास्क की आवश्यकता नहीं
अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या उसे सर्दी, सुखी खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में परेशानी होती है वैसे व्यक्ति को मास्क पाने की सलाह दी जाती है। इससे बाकी लोग इस संक्रमण का शिकार ना बन सकें। अगर आप स्वस्थ हैं एवं किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उन्हें मास्क पाने की कोई आवश्यकता नहीं है। मास्क पहनने के साथ-साथ स्वच्छता पर ध्यान देने एवं सावधानी बरतनी भी जरूरी है। साफ सफाई पर ध्यान देना, घर को नियमित साफ रखना, शरीर के अंगों को बार-बार ना छूने का प्रयास करना व हाथ धोते वक्त सैनिटाइजर या साबुन का प्रयोग करना बेहद जरूरी है।
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-कोरोना वायरस से बचाव के उपाय : डब्ल्यूएचओ ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को पहले से ही स्वच्छता एवं सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके अलावा हाथ को साफ रखने, मास्क का उपयोग करने व शुद्ध खान-पान की सलाह दी गई है। खांसते एवं छींकते समय बांह या रुमाल अथवा टिशू पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र पर जागरूकता कार्यक्रम किया जाएगा। सेविका व सहायिका यह नजर रखेंगी कि कौन से व्यक्ति बाहर से आए हैं। वैसे व्यक्तियों की लिस्टिग की जाएगी ताकि पता चल सके कि कितने व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित हैं या नहीं। इसके अलावा हाट बाजार में भी इस महामारी के बचाव से संबंधित जागरूकता फैलाई जाएगी। साथ ही प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा जो बाहरी व्यक्तियों की जांच करेंगे।
--कार्यशाला में ये थे उपस्थित:मौके पर सिविल सर्जन अवधेश कुमार सिन्हा, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. दीपक कुमार, यूनिसेफ के रिजनल कोर्डिनेटर, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, एडीपीओ, सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, निजी चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, ब्लॉक मैनेजर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।