बगोदर (गिरिडीह), संवाद सहयोगी: गिरिडीह जिले के बगोदर-हजारीबाग पथ पर अवस्थित है विशालकाय हरिहरधाम मंदिर। विगत तीन दशकों से महाशिवरात्रि पर पूजा-पाठ और शृंगार आरती की जाती रही है। वहीं, झारखंड में धर्मस्थलों पर नजर डालें तो बाबाधाम देवघर देवभूमि के बाद बगोदर-हजारीबाग रोड पर स्थित देवस्थल में हरिहरधाम मंदिर दूसरे स्थान पर आता है। यह केवल झारखंड ही नहीं पूरे भारत में विख्यात है।
इस मंदिर में माथा टेकने के लिए देश के विभिन्न राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि जगहों से भी शिवभक्त अपनी मनोकामना के लिए आते हैं। हरिहरधाम मंदिर के संस्थापक कोलकाता निवासी अमरनाथ मुखोपाध्याय ने मंदिर का नक्शा दिया था। मंदिर के बाहरी हिस्से में शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है। ऊंचाई के साथ यह मंदिर शिवलिंग के आकार का है। मंदिर के अंदर भगवान शंकर का शिवलिंग विराजमान है। मंदिर का अंदरूनी भाग बेहद मनमोहक है। वहीं, शिवलिंग के सामने नंदी विराजमान है।
महाशिवरात्रि पर होता है विशेष आयोजन
मंदिर परिसर में मां पार्वती, भगवान गणेश, हनुमान, राधा कृष्ण समेत अन्य देवी-देवताओं की भव्य मूर्तियां विराजमान हैं। यहां महाशिवरात्रि को पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुषों की भीड़ जुटती है। हरिहरधाम मंदिर पूजा अर्चना के साथ वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए भी देशभर में प्रसिद्ध है। मंदिर के 65 फीट के शिवलिंग को आकर्षक विद्युत साज सज्जा के साथ ही फूल माला से सजाया जाता है।
इसे लेकर हरिहरधाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक भीम यादव ने बताया कि महाशिव रात्रि पर पूजा अर्चना के साथ ही देर रात भजन कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। इसकी भव्य तैयारी की गई हैं। वहीं दूसरी ओर बगोदर बाजार के थाना शिवमंदिर में भी महाशिवरात्रि की तैयारी की गई है। शाम में भगवान शंकर की बारात निकाली जाएगी। इसके अलावे बगोदर के सरिया रोड स्थित गुप्तेश्वरधाम, दोंदलो शिवमंदिर, बगोदरडीह शिवाला, मंझलाडीह शिव मंदिर समेत कई शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि की व्यापक तैयारी की जा रही है।