कोयले के उत्पादन में काफी पीछे चल रहा गिरिडीह एरिया
बनियाडीह (गिरिडीह) कोयले के उत्पादन में गिरिडीह का सीसीएल एरिया काफी पीछे चल रहा ह
बनियाडीह (गिरिडीह): कोयले के उत्पादन में गिरिडीह का सीसीएल एरिया काफी पीछे चल रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोयला उत्पादन में इस एरिया की हालत काफी खराब है। पांच माह गुजर गए पर अब तक ओपेनकास्ट माइंस से ही 18 हजार टन कोयले का उत्पादन किया जा सका है। बताया जाता है कि इस एरिया में दो खुली खदानें कबरीबाद एवं ओपेनकास्ट माइंस संचालित हैं। कबरीबाद माइंस को सीटीओ नहीं मिला है जिस कारण वहां से कोयले का उत्पादन बंद है। चालू वित्तीय वर्ष में 1 लाख 40 हजार टन कोयले का उत्पादन लक्ष्य सीसीएल मुख्यालय की ओर से ओपेनकास्ट माइंस को मिला है जहां वर्तमान में कोयला का उत्पादन हो रहा है। एक नजर यहां कोयले के डिस्पैच पर डाली जाए तो पिछले पांच माह में यहां से मात्र 19 हजार टन रेलमार्ग एवं एक हजार टन रोड मार्ग से कोयले का डिस्पैच हुआ है।
दो वर्ष से सीटीओ के लिए जूझ रहा कबरीबाद माइंस : सीसीएल का कबरीबाद बहुत ही पुराना माइंस है। यहां से कोयले के उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। दो वर्ष पूर्व इस माइंस में सीटीओ लगा दिया गया है जिस कारण यहां से कोयले का उत्पादन बंद है। यहां कोयला उत्पादन बंद रहने से सीसीएल को काफी घाटा हो रहा है। पूर्व के वित्तीय वर्षो को एक नजर में देखा जाए तो यह माइंस तीन लाख टन से अधिक कोयले का उत्पादन अकेले कर चुकी है। अगर यह माइंस चालू हो जाता है तो सीसीएल गिरिडीह कोलियरी में लगातार बढ़ रहे घाटे को कम किया जा सकता है। इसे सीटीओ निर्गत कराने के लिए सीसीएल के वरीय अधिकारी भी काफी भागदौड़ कर रहे हैं बावजूद इसके इसे अब तक सीटीओ नहीं मिल पाया है।
-क्या कहते हैं सीसीएल के पीओ : सीसीएल एरिया के पीओ विनोद कुमार ने कहा कि गिरिडीह एरिया में कोयला उत्खनन करनेवाली मशीनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। इसी मशीन से यहां के कामगार कोयले का उत्पादन कर रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में मुख्यालय की ओर से मिला कोयले के उत्पादन लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। कबरीबाद माइंस के लिए सीटीओ के लिए कई बार अप्लाई किया गया है लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया है। सीटीओ निर्गत कराने के लिए वरीय अधिकारी लगे हुए हैं।