शिखरजी के लिए पहली बार एक मंच पर आए दोनों धर्मावलंबी
पीरटांड़ मधुबन में मंगलवार को जैन धर्म के 16वें तीर्थकर 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का निर्वाण्
पीरटांड़ : मधुबन में मंगलवार को जैन धर्म के 16वें तीर्थकर 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का निर्वाण महोत्सव शांतिपूर्ण व ऐतिहासिक रूप से मनाया गया। सम्मेद शिखर पर्वत से मोक्ष को प्राप्त हुए श्री शांतिनाथ भगवान का आज के ही दिन ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी को निर्वाण पद प्राप्त हुआ था। सभी तीर्थकरों के निर्वाण दिवस महोत्सव मनाने की कड़ीं में मंगलवार को जैन धर्म के दोनों समुदाय पहला कार्यक्रम भारत वर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी एवं जैन श्वेतांबर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में निर्वाण कल्याणक महामहोत्सव का आयोजन किया गया।
यह पहला मौका था, जब सम्मेद शिखरजी के लिए दोनों सोसाइटी के लोग एक मंच पर जुटे थे। इस कारण आज के दिन को जैन समाज के लिए ऐतिहासिक दिन के रूप में माना जाएगा।
सुबह 5:30 बजे सर्व प्रथम पार्श्वनाथ टोंक वेदी की साफ-सफाई, धुलाई की गई। उसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण, शांतिधारा व निर्वाण कांड पढ़कर की गई और निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया तथा पूजन व आरती की गई। भारत वर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सुमन सिन्हा ने बताया कि यह कार्यक्रम इसलिए भी ऐतिहासिक हो गया क्योंकि आज तक कभी दिगंबर व श्वेतांबर समाज ने संयुक्त रूप से निर्वाण महोत्सव नहीं मनाया था। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सपत्नीक कमल सिंह रामपुरिया,जैन श्वेतांबर सोसायटी मधुबन के अध्यक्ष शिखरचंद पहाड़िया, भारत वर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुंबई से तारा चंद जैन, झारखंड दिगंबर जैन न्यास बोर्ड के अध्यक्ष छीतरमल जैन पाटनी, पूर्व महामंत्री श्री दिगंबर जैन शाश्वत ट्रस्ट मधुबन के प्रभात कुमार सेठी, मंत्री पूर्वाचल दिगंबर जैन आदि उपस्थित थे।