लॉकडाउन ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
वैश्विक महामारी कोरोना संकट को लेकर आज पूरा देश मे लॉकडाउन 4 चल रहा है।जिससे आम नागरिक व प्रवासी मजदूर सबसे ज्यादा भारी मुश्किल दौर मे गुजर रहा है ।वही ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले किसान मजदूर लॉकडाउन काफी प्रभावित हो रहे हैं।जहां किसान दिन रात मेहनत करके फसल उपजाते है।वही लॉकडाउन के कारण किसानों फसल का अच्छी क़ीमत नही मिल पा रहा है।क्योंकि लॉकडाउन खरीदारी करने वाले बहुत कम ही लोगों है।जिससे उचित कीमत नहीं मिला पाता
बगोदर : वैश्विक महामारी कोरोना संकट को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन 4 चल रहा है। आम नागरिक व प्रवासी मजदूर सबसे अधिक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले किसान, मजदूर लॉकडाउन में काफी प्रभावित हो रहे हैं। किसान दिन रात मेहनत करके फसल उपजाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण किसानों फसल की अच्छी कीमत नहीं मिल पा रही है, क्योंकि लॉकडाउन में खरीदारी करने वाले बहुत कम ही लोग हैं। इस कारण कम दामों में सब्जी को बेचना पड़ रहा है। बगोदर प्रखंड मुख्यालय से 14 किमी दूर स्थित औंरा पंचायत के वार्ड नम्बर पांच दामा गांव का जायजा लेने मंगलवार को साढ़े 12 बजे दैनिक जागरण की टीम पहुंची, जहां कई एकड़ खेत में लगी लोकी, खीरा, मकई, भिंडी, ईख की फसल लहलहा रही थी। गांव की महिला किसान जागेश्वरी देवी ने बताया कि खेतीबारी करके किसी तरह गुजर बसर करते हैं। फसल को स्थानीय बाजार में बेचते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण फसलों की उचित कीमत नहीं मिल रही है। पति बैजनाथ महतो मुम्बई में मजदूरी करते हैं। फिलहाल लॉकडाउन में वहीं फंसे हैं। घर आने पर पति को यहीं खेती करने के लिए कहेंगे। गांव के प्रसादी महतो ने बताया कि बड़ा बेटा दूसरे राज्यों में मजदूरी करता था। तीन दिन पूर्व घर लौटा है, जो फिलहाल क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद यहीं पर सारा परिवार मिलकर खेती बारी करके अच्छी कमाई करेगें। मनरेगा में मजदूरी करके किसी तरह गुजर बसर करेंगे। भुनेश्वर कुमार ने बताया कि फिलहाल खेत में कई तरह की फसल लगाए हैं। इसे स्थानीय बाजार में जाकर बेचते हैं। इन दिनों पिताजी लॉकडाउन के कारण मुम्बई में फंसे हैं। लॉकडाउन मे छूट होने के बाद घर आएंगे। उसके बाद उन्हें बाहर नहीं जाने देंगे। इसी बीच गांव के ही युवक जितेन्द्र भाई पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस गांव के ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों मे मजदूरी करते हैं। बहुत से प्रवासी मजदूर किसी तरह घर लौट आए हैं जो फिलहाल क्वारंटाइन सेंटर मे रह रहे हैं। फिलहाल इन सभी मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है। लॉकडाउन के कुछ दिन पूर्व गुजरात जामनगर से लौटा मजदूर डब्लू कुमार ने कहा कि यहीं पर जो काम मिलेगा, कर लेंगे।